रायपुर:इस बार लोगों में मौनी अमावस्या को लेकर असमंजस है कि आखिर मौनी अमावस्या कब है. दरअसल, मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन मौन रहकर ईश्वर की साधना करने का दिन होता है. मौनी अमावस्या को धर्म शास्त्रों में बहुत ही खास महत्व दिया गया है. इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा-पाठ करनी चाहिए. संभव हो तो इस दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए. ऐसा करने से आपके सभी पाप दूर हो जाएंगे. साथ ही इस दिन खास पूजा करने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
आखिर क्यों मौनी अमावस्या पर मौन होकर की जाती है पूजा? इस दिन गंगा स्नान का है खास महत्व - मौनी अमावस्या पर मौन होकर पूजा
Worship silence on Mauni Amavasya: मौनी अमावस्या के दिन कई संत-साधक मौन रहकर पूजा करते हैं. इसका खास महत्व है. साथ ही इस दिन गंगा स्नान से कई रोगों का नाश होता है.
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Feb 6, 2024, 6:32 AM IST
|Updated : Feb 6, 2024, 6:42 AM IST
कब है मौनी अमावस्या:हिंदू पंचांग के मुताबिक माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या 9 फरवरी की सुबह 8:2 पर शुरू होगा. 10 फरवरी सुबह 4:28 तक रहेगा. इसलिए मौनी अमावस्या 9 फरवरी को मनाई जाएगी. इस दिन स्नान और दान करने का विधान है. मौनी अमावस्या के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं. यह योग सुबह 7:05 से लेकर रात को 11:29 तक रहेगा. इस अमावस्या के दिन व्रत करने से अपार धन की प्राप्ति होती है. साथ ही पूर्वज प्रसन्न होकर जीवन में सफल और संपन्न होने का आशीर्वाद देते हैं.
इस दिन गंगा स्नान महत्वपूर्ण:मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने का खास महत्व शास्त्रों में बताया गया है. इस दिन प्रयागराज में माघ मेले की सबसे बड़ी स्नान होती है. इस दिन मौन रहकर साधना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है. इस दिन साधु संत लोग मौन व्रत रखते हैं. इस दिन गंगा में स्नान करने से आपके सभी पाप धुल जाते हैं. मंदिर और धार्मिक स्थलों में इस दिन हवन-पूजन का भी आयोजन किया जाता है. इस दिन प्रयाग के संगम नदी में स्नान करने को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवता और पितर अदृश्य रूप से आकर नदी में स्नान करते हैं. उनके स्नान से जल पवित्र हो जाता है. ऐसे नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पापों का अंत होता है. इस दिन गंगा में स्नान करने से त्वचा संबंधी रोग दूर हो जाते हैं.