मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: पूरे छत्तीसगढ़ में धान खरीदी जोर शोर से जारी है. एमसीबी जिले में भी धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की भारी भीड़ पहुंच रही है. किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है. जिले के उपार्जन केंद्रों पर आने वाले किसानों का आरोप है कि उनसे हम्माली कराई जा रही है. किसानों का कहना है कि धान लाने और तुलवाने से लेकर बोरी सिलने का काम भी उनसे ही कराया जा रहा है. कांग्रेस का आरोप है कि धान की खरीदी कई केंद्रों पर तय मानकों से कम किया जा रहा है. बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को गलत बताया है.
धान खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्था का आरोप: कुछ किसानों का आरोप है कि खरीदी केंद्र पर न तो ठहरने की व्यवस्था है नहीं पानी के पानी तक का इंतजाम. और तो और उनसे धान की बोरी भी सिलवाई जा रही है. मजदूरों का काम उनसे ही लिया जा रहा है. इस बात की शिकायत जब स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से किया गया तो उनका कहना था कि अभी कोई शिकायत नहीं मिली है. अगर कोई दिक्कत है तो उसे जरुर दूर किया जाएगा. कांग्रेस ने कई केंद्रों पर तय नियमों के तहत खरीदी नहीं किए जाने का आरोप लगाया है.
कांग्रेस के पास कोई मुद्दा अब विरोध के लिए नहीं बचा. किसानों की समस्या दूर करने के बजाए ये लोग एसी कमरों में बैठकर राजनीति करते रहे हैं. - अनिल केसरवानी, जिलाअध्यक्ष बीजेपी
किसानों के बैठने और पीने के पानी तक का इंतजाम नहीं है. हम भूखे प्यासे धान बेचने के लिए लाइन में खड़े हैं. सुबह से शाम तक का इंतजार करना पड़ता है. - जगदीश, कठौतिया केंद्र पर पहुंचा किसान
सरकार और उसके लोग सिर्फ अपनी तारीफों में लगे हैं. धान खरीदी केंद्रों पर जो हो रहा है उसे आकर इनको देखना चाहिए. सरकार किसानों का दर्द नहीं समझ रही. - अशोक श्रीवास्तव, जिलाअध्यक्ष, कांग्रेस
अधिकारी, कर्मचारी या फिर कोई भी किसानों से अनुचित व्यवहार करता है तो कड़ी कार्रवाई होगी. फिलहाल तो हमें ऐसी कोई भी दिक्कत और शिकायत नहीं मिली है. - श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री
धान खरीदी पर सियासी घमासान: प्रदेश में 14 नवंबर से धान खरीदी जारी है. जब से धान खरीदी शुरु हुई है तब से धान खरीदी को लेकर पक्ष विपक्ष के बीच वार पलटवार जारी है. किसान जरुर इस बात को बार बार कह रहे हैं कि खरीदी केंद्रों पर मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. किसानों से बोरे सिलवाने और रखवाने की भी शिकायत जरुर पहली बार सामने आई है. हालाकि इस संबंध में केंद्रों के प्रभारी और सोसायटियों की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है.