रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान 20 जनवरी को हुआ था. जिसमें पार्षद और महापौर के लिए नामांकन की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है. 31 जनवरी को नामांकन वापसी होनी है. दोनों प्रमुख दल बीजेपी और कांग्रेस के साथ ही दूसरे दल भी अब प्रचार प्रसार के साथ जनसंपर्क कर रहे हैं. लेकिन आम जनता का कहना है कि चुनाव के समय महापौर और पार्षद प्रत्याशी घरों तक वोट मांगने के लिए आते हैं. उसके बाद महापौर या फिर पार्षद लोगों का हाल जानने दोबारा वार्ड में नहीं दिखते. वार्ड की मूलभूत समस्या जस की तस बनी रहती है.
ईटीवी भारत ने वार्ड क्रमांक 68 का लिया जायजा : ईटीवी भारत ने रायपुर के वार्ड क्रमांक 68 के लोगों से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि नालियों की साफ सफाई रेगुलर नहीं होती, बल्कि 15 दिन या फिर महीने में एक बार होती है.नालियों में कचरा जमा रहता है. जिसकी वजह से कई तरह की बीमारियां फैलने की संभावना भी बनी रहती है. शहर की बात की जाए तो शहर में ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है. ट्रैफिक व्यवस्था में भी सुधार होना चाहिए ऐसे में लोगों को उम्मीद है की नए महापौर बनने से ट्रैफिक की परेशानी से निजात मिलेगी.
कैसा होना चाहिए वार्ड पार्षद : वार्ड क्रमांक 68 के देवेंद्र राठौर ने बताया कि पार्षद को मिलनसार होना चाहिए. लोगों की समस्याओं को सुनने वाला होना चाहिए. वार्ड की समस्याओं को निराकरण करने वाला होना चाहिए. जो वार्ड के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहे. महापौर का काम होता है. शहर का विकास करना शहर को सुंदर और स्वच्छ बनाने के साथ ही विकसित करें. इसके साथ ही पार्षद को भी चाहिए कि वार्ड वासियों को साथ लेकर चले.
चुनाव के समय चाहे वह पार्षद प्रत्याशी या फिर महापौर प्रत्याशी वोट मांगने के लिए आते जरूर है. उसके बाद ना ही महापौर दर्शन देते हैं और ना ही पार्षद. उन्होंने बताया कि वार्ड में मूलभूत समस्याओं का अंबार है. मैं किन-किन चीजों को गिनाऊं. इसके साथ ही शहर का 50% विकास भी नहीं हुआ. शहर में सबसे बड़ी दिक्कत ट्रैफिक व्यवस्था की है. जिसे सुधार करने की जरूरत है और इस समस्या को ओवर ब्रिज बनाकर दूर किया जा सकता है - देवेंद्र राठौर, वार्डवासी
चुनाव के समय हर एक प्रत्याशी वोट मांगने के लिए वार्ड में पहुंचते हैं. उसके बाद दोबारा कभी झांकने तक नहीं आते. वार्ड नंबर 68 की बात करें तो बरसात के दिनों में पानी निकासी नहीं होने के कारण नालियों का पानी सड़कों पर आ जाता है. नालियों की साफ सफाई भी रेगुलर होनी चाहिए. वार्ड में कई स्ट्रीट लाइट बंद पड़े हुए हैं. जिसके कारण रात में लोगों को आने जाने में परेशानी होती है- राखी देवांगन, वार्डवासी
वार्ड में ट्रैफिक समस्या और सफाई की कमी : वार्ड क्रमांक 68 के अरुणाभ दवे के मुताबिक महापौर या फिर पार्षद प्रत्याशी को ऐसा होना चाहिए जो जनता की समस्या को ध्यान में रखें और उनको साथ लेकर चले. उनकी समस्याओं का निराकरण करें. पूरे रायपुर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था का बुरा हाल है. पूरे शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है. वार्ड क्रमांक 68 में बुधवार और रविवार को बाजार भी लगता है. बाजार में हजारों की तादाद में भीड़ रहती है. सुलभ शौचालय की कमी है. चुनाव के समय जरूर प्रत्याशी घर तक आते हैं और बड़े-बड़े वादे करके चले जाते हैं.
वहीं हरिराम साहू ने बताया कि अब तक महापौर के प्रत्याशी वार्ड में नहीं पहुंचे हैं. इसके साथ ही अब तक पार्षद प्रत्याशी भी नहीं पहुंचे हैं. जब भी वार्ड में जनसंपर्क के लिए आएंगे तो हम अपनी समस्याओं को रखेंगे. चुनाव के समय प्रत्याशी वोट मांगने के लिए जरूर आते हैं उसके बाद कभी कभार ही वार्ड में दर्शन देते हैं. शहर का विकास होना चाहिए साफ सफाई के प्रति ध्यान देना चाहिए
कैसा होना चाहिए वार्ड पार्षद ?: वहीं वार्डवासी सुरेखा देवांगन ने कहा कि हमारा पार्षद प्रत्याशी अच्छा होना चाहिए. नालियों की कमी है गार्डन को आधा अधूरा बनाकर छोड़ दिया गया है. ठीक ढंग से सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ है. वार्ड के बिजली खंभे में कई जगह स्ट्रीट लाइट की कमी है. चुनाव के समय प्रत्याशी वोट मांगने के लिए घरों तक जरूर पहुंचते हैं. लेकिन उसके बाद वार्डवासियों की सुध लेने कोई नहीं आता. कई बार शिकायत भी करते हैं. बावजूद इसके इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती.
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