रायपुर:आज प्रदोष व्रत है. इस व्रत का हिन्दू धर्म में काफी महत्व है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है. इस बारे में अधिक जानकारी के लिए ईटीवी भारत ने रायपुर के महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला से बातचीत की. उन्होंने बताया कि, "हर महीने की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि भगवान भोलेनाथ को समर्पित होती है. इस दिन प्रदोष व्रत भी किया जाता है. प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में शिव की पूजा आराधना की जाती है. ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन पूजा आराधना करने से साधक की सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. इसके साथ ही घर में सुख शांति और समृद्धि भी आती है. "
प्रदोष व्रत में करें शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा, हर संकट से मिलेगा छुटकारा - Worship Lord Shiva On Pradosh Vrat
Worship Lord Shiva On Pradosh Vrat: प्रदोष व्रत में भगवान शिव की खास विधि से पूजा करने से हर संकट दूर होता है. साथ ही घर में सुख शांति का वास होता है. आइए पंडित मनोज शुक्ला से जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त..pradosh vrat 2024
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Mar 22, 2024, 5:02 AM IST
जानिए शुभ मुहूर्त: पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि, " आज फाल्गुन महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है. आज मार्च महीने का आखिरी प्रदोष व्रत रखा जाएगा. प्रदोष शुक्रवार 22 मार्च की सुबह 4:44 पर शुरू हो गया है. 23 मार्च की सुबह 7:00 बजे तक प्रदोष खत्म होगा. आज के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम को 6:34 से लेकर रात्रि 8:55 तक रहने वाला है. आज रवि पुष्य योग भी बन रहा है, जो कि काफी शुभ माना जाता है."
आइए पंडित मनोज शुक्ला से जानते हैं प्रदोष के दिन पूजा की विधि:
- प्रदोष के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर व्रत करने वाले को भगवान शिव का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लेना चाहिए.
- उसके बाद चौकी पर शिव परिवार की प्रतिमा स्थापित करना चाहिए.
- आज के दिन गाय के घी से दीपक जलाना चाहिए.
- शिवजी को बेलपत्र भांग धतूरा चढ़ाकर पूरी विधि विधान से उनकी पूजा आराधना की जानी चाहिए.
- इस दिन खीर का भोग लगाकर आरती और चालीसा का पाठ करना चाहिए.
- प्रदोष व्रत के दिन शिव जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करनी चाहिए.
- इस दिन का व्रत रखने से जीवन में सुख शांति और समृद्धि आती है.
- ऐसी मान्यता है कि प्रदोष का व्रत करने से रोग दोष से मुक्ति मिलती है.
- इस दिन का व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी किया जाता है.