पटनाः वैसे तो विश्व पियानो दिवस 29 मार्च को मनाया जाता है लेकिन लीप वर्ष में ये 28 मार्च को ही मनाया जाता है. दरअसल पियानो में 88 चाबियां होती हैं इसलिए साल के 88वें दिन विश्व पियानो दिवस मनाया जाता है. बिहार की राजधानी पटना में भी संगीत प्रेमियों ने विश्व पियानो दिवस मनाया. संगीत में लगाव रखनेवाले लोगों को पता है कि संगीत के क्षेत्र में पियानो कितना महत्व रखता है.
पत्रकार सुनील को पियानो से है खास लगावःपटना में वरिष्ठ पत्रकार सुनील राज भी पियानो के बेहद ही शौकीन हैं और पिछले कई सालों से पियानो प्ले कर रहे हैं. सुनील राज बताते हैं कि "मेरा बेसिक प्रोफेशन तो पत्रकारिता है लेकिन मेरे खानदान में मेरे पिताजी और मेरे बड़े भाई साहब सुधीर सिन्हा अन्नु का प्रोफेशन म्यूजिक ही रहा है. यही कारण है कि मुझे भी संगीत से बेहद ही लगाव है खासकर पियानो बजाने में मुझे अद्भुत आनंद आता है."
कब हुआ पियानो का आविष्कार ?: वैसे तो पियानों का आविष्कार 10वीं सदी में बार्थोलोमेयो क्रिस्टोफर ने किया था लेकिन पियानो को आधुनिक रूप दिया 17वीं शताब्दी में इटली के बार्टोलोमो डी फ्रांसेस्को क्रिस्टोफोरी ने जो कि संगीत के महान् जानकार थे. उन्होंने अपने 20 अलग-अलग कंपोजिशंस बनाएं और उनको लेकर पूरी दुनिया में घूमे ताकि उनका नया वाद्य यंत्र फेमस हो सके.