रांची: विश्व पर्यावरण दिवस पर बुधवार को वन, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन एवं क्लाइमेट चेंज विभाग की ओर से रांची के होटल बीएनआर में कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यक्रम में शामिल वक्ताओं ने पर्यावरण को हर पल पहुंच रहे नुकसान का जिक्र करते हुए कहा कि झारखंड ऐसा राज्य है जो क्लाइमेट चेंज के लिए सबसे असुरक्षित है. पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि अपनी दिनचर्या में छोटे-छोटे बदलाव कर के पर्यावरण को बचाने और उसे संवारने में बड़ा योगदान दे सकते हैं.
पानी के इस्तेमाल को रेगुलेट करने पर जोर
प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने गर्म होती धरती, झारखंड में पिछले 09 वर्षों से लगातार बढ़ रहे तापमान से लेकर कहा कि ज्यादातर लोग यह मानते हैं कि सिर्फ कार्बन उत्सर्जन कम कर के पर्यावरण को बचाया जा सकता है, लेकिन यह आधा सच है . सच्चाई यह है कि कार्बन उत्सर्जन कम करने के साथ-साथ हमें पानी के इस्तेमाल को रेगुलेट करना होगा.
उन्होंने कहा कि "मैन मेड इंफ्रास्ट्रक्चर से उस इलाके का जीडीपी तो बढ़ जाता है, लेकिन क्वालिटी ऑफ लाइफ घट जाता है. दक्षिण अफ्रीका की राजधानी कैपटाउन को जलविहीन शहर घोषित किये जाने, बेंगलुरु में 500 वर्षों के इतिहास में पिछले दिनों हुए जलसंकट और रांची में पाताल लोक में जाते भूगर्भ जल का जिक्र करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि हमें पर्यावरण को बचाने के लिए हर आयाम पर काम करना होगा.
एक आंकड़े का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व में प्रति सेकंड एक एकड़ सॉयल यानी मिट्टी का लॉस हो रहा है, यह चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि विभाग आनेवाले दिनों में राज्य में 2.5 करोड़ पौधे लगाने, इस वित्तीय वर्ष में 1000 चेक डैम बनाने,180 किलोमीटर लंबी नदी किनारे हरित पट्टी विकसित करने की योजना पर आगे बढ़ रहा है.
पर्यावरण संरक्षण के लिए अलग-अलग विभागों का साथ जरूरी
उन्होंने कहा कि 10 अलग-अलग विभागों को एक साथ लेकर एक अम्ब्रेला बनाकर पर्यावरण को बचाने की दिशा में काम करना है.उन्होंने मंच से यह सलाह भी दी कि जिस तरह से उज्जैन में मॉर्निंग वॉकर से ऑक्सीजन टैक्स लेकर उससे बाग डेवलप किए जा रहे हैं ,वैसा ही कुछ प्रावधान यहां भी किया जाना चाहिए.
पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने वालों को किया सम्मानित
विश्व पर्यावरण दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में पर्यावरण को बचाने की दिशा में बेहतरीन काम करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया. पर्यावरण दिवस को लेकर अलग-अलग समय पर आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को भी सम्मानित किया गया.
1973 में पहली बार मनाया गया था 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस
पर्यावरण को बचाये रखने के लिए वैश्विक संकल्प के साथ 1973 में पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था, तब से हर वर्ष अलग-अलग थीम के साथ विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस बार का थीम हमारी भूमि, हमारा भविष्य ...भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण रोकना और सूखे से मुकाबला करना है .