लातेहार: जिले में मासूम बच्चों के हक और अधिकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त संवेदक और अधिकारी डाका डाल रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्र में खाना बनाने और बच्चों को खाना खिलाने के लिए अत्यंत निम्न दर्जे के बर्तन की आपूर्ति की गई है. आरोप है कि इन बर्तनों में खाना बनाया जाए तो निश्चित ही यह बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ होगा. लातेहार जिला परिषद सदस्य विनोद उरांव और कांग्रेस नेता मोती उरांव ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग सरकार से की है.
लातेहार जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केंद्र में भोजन पकाने तथा बच्चों को खाना खिलाने के लिए कई प्रकार के बर्तन आपूर्ति की गई है. इन बर्तनों में मुख्य रूप से ग्लास, थाली, कड़ाही, जग, कटोरा समेत अन्य सामान शामिल हैं. लगभग 6 महीना पहले आंगनबाड़ी केंद्र में ठेकेदार के द्वारा इन बर्तनों को पहुंचा दिया गया. लेकिन बर्तनों की गुणवत्ता इतनी खराब है कि उसका उपयोग कर पाना संभव ही नहीं है. कड़ाही से लेकर गिलास और जग तक की गुणवत्ता अत्यंत निम्न दर्जे की है.
जिला परिषद सदस्य ने सेविकाओं से उपलब्ध कराए गए बर्तनों को दिखाने का आग्रह किया. जब नए बर्तनों को निकाला गया तो उसे देखकर जिला परिषद सदस्य भी दंग रह गए. बर्तनों की क्वालिटी इतनी खराब थी कि उसमें खाना बनाना तो दूर खाना खाना भी संभव नहीं था. जिला परिषद ने कहा कि आपूर्तिकर्ता ने इतनी घटिया बर्तन की आपूर्ति की है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है. उन्होंने कहा कि आपूर्ति किए गए सामानों की मॉनिटरिंग करने वाले अधिकारी भी उतने ही दोषी हैं जो आज तक इस मामले को दबाकर रखे हैं.
जिला परिषद ने कहा कि यह बच्चों के जीवन के साथ खिलवाड़ है. उन्होंने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो इस लिए मामले को जिला परिषद की बैठक में उठाया जाएगा. इसके साथ ही इस मामले को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात कही है. वहीं कांग्रेस नेता मोती उरांव ने कहा कि बर्तन आपूर्ति करने वालों ने हर एक माल से भी घटिया बर्तन आपूर्ति किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी है, उन पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए सरकार तक मामला को पहुंचाएंगे.
आपूर्ति के बाद भी बर्तनों की कमी
आंगनबाड़ी केंद्र में भारी मात्रा में बर्तनों की आपूर्ति की गई है. लेकिन क्वालिटी बहुत खराब है. इसी कारण सेविकाओं को उपलब्ध कराए गए बर्तनों का उपयोग नहीं कर रहे हैं. कई केंद्र में तो बच्चों को अपने घर से थाली लाना पड़ता है. इस मामले में जो भी दोषी हो उन पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है. ताकि बच्चों के हक और अधिकार पर डाका डालने वाले लोगों को सबक मिल सकें.
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