अलवर:सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ता जा रहा है. यहां अन्य वन्यजीव भी खूब हैं. ऐसे में इन वन्यजीवों की सलामती के लिए सरिस्का एवं आसपास बसे गांवों का विस्थापन जरूरी है, लेकिन यह प्रक्रिया अभी सरकार की ओर से परिवारों को दिए जाने वाले पैकेज के फेर में उलझी हुई है. यही कारण है कि सरिस्का एवं आसपास के क्षेत्रों में बसे 29 गांवों में से अभी पांच गांव ही पूरी तरह विस्थापित हो पाए हैं. हालांकि वन मंत्री संजय शर्मा ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार की ओर से इन्हें अच्छा विस्थापन पैकेज दिया जाएगा. सरकार की ओर से अब विस्थापित परिवारों को जमीन के गैर खातेदारी जमाबंदी पत्र भी दिए जाने लगे हैं. पिछले दिनों ही केन्द्रीय वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सरिस्का से विस्थापित 21 परिवारों को जमीन के गैर जमाबंदी पत्र सौंपे थे.
सरिस्का टाइगर रिजर्व के सीसीएफ संग्राम सिंह ने बताया कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़कर 42 तक पहुंच गया है, जल्द ही इसके और बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में बाघों को अपनी टैरिटरी बनाने के लिए ज्यादा जगह की जरूरत है. इसके लिए सरिस्का टाइगर रिजर्व में बसे गांवों का जल्द विस्थापन होना जरूरी है. इससे खाली हुए गांवों में जंगल विकसित कर बाघों को टैरिटरी के लिए जगह उपलब्ध कराई जा सकेगी.
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एक दशक में मात्र 5 गांव हटाए:सरिस्का से गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया शुरू हुए एक दशक से ज्यादा समय बीत गया, लेकिन यह प्रक्रिया बहुत ही धीमी गति से चल रही है. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अभी तक 29 में से मात्र 5 गांव ही पूरी तरह विस्थापित हो पाए हैं. कुछ गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया अभी चल रही है. सरिस्का से अभी भगानी, उमरी, रोटक्याला, डाबली और पानीढाल गांव ही पूरी तरह विस्थापित हो पाए हैं. हरिपुरा, क्रास्का एवं कांकवाड़ी गांवों का विस्थापन भी सरिस्का प्रशासन की प्राथमिकता में है.
विस्थापन में इसलिए हो रही देरी : सरिस्का से गांवों के विस्थापन में देरी की वजह विस्थापित परिवारों को राज्य सरकार की ओर से दिए जाना पैकेज है. फिलहाल सरकार ग्रामीणों को दो प्रकार के पैकेज दे रही है पहला जमीन और दूसरा नकद पैकेज है. सरकार की ओर से दिए जाने वाले पैकेज से ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं. इस कारण गांवों के विस्थापन में देरी हो रही है. राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा का कहना है कि पूर्व में ग्रामीणों को विस्थापन के लिए अच्छा पैकेज दिया जाता था, लेकिन पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने इसमें बदलाव किया, जिससे ग्रामीण संतुष्ट नहीं है. अब सरिस्का से विस्थापित होने के वाले परिवारों के लिए मुख्यमंत्री स्तर पर अच्छे पैकेज को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं. वन विभाग भी इसका प्रयास कर रही है. उम्मीद है कि जल्द ही राज्य सरकार की ओर से ग्रामीणों के लिए अच्छा पैकेज दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि इसके बाद वन विभाग की ओर से ग्रामीणों से चर्चा करके उनसे विस्थापन के लिए सहमति लेकर सरिस्का से विस्थापन की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा.