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ठाकुर जी को सर्दी का एहसास, बाजारों में बिकने लगे ऊनी वस्त्र - VRINDAVAN BANKE BIHARI

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन बांके बिहारी समेत प्रमुख मंदिरों के पास लगीं दुकानें, बिक रहे ठाकुर जी के लिए रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र

ठाकुर जी के लिए बिकने लगे ऊनी वस्त्र.
ठाकुर जी के लिए बिकने लगे ऊनी वस्त्र. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

मथुरा: उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी शुरू हो चुकी है. लहर के चलते तापमान में गिरावट आ रही है. दिन का तापमान 10 से 15 तो रात में 10 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच रहा है. सर्दी से बचाव के लिए लोगों को ऊनी वस्त्र के साथ अलाव का सहारा लेना पड़ रहा है. ऐसे में भगवान को भी सर्दी से बचाने के लिए बाजार में अनेक प्रकार के रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र बिक रहे हैं, जोकि श्रद्धालुओं को खूब पसंद आ रहे हैं. मथुरा, वृंदावन के मंदिरों में ठाकुर जी को ऊनी वस्त्र पहनाये जा रहे हैं.

बाजार में रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्रःहर साल की तरह इस बार भी श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और वृंदावन बांके बिहारी जी, राधा रमण, प्रेम मंदिर और मां वैष्णो देवी मंदिरों के पास ठाकुर जी के लिए रंग-बिरंगे ऊनी वस्त्र की दुकानें लगी हुई है. ठाकुर जी के लिए ऊनी वस्त्र, रजाई, गद्दे, दस्ताने श्रद्धालुओं को खूब पसंद आ रहे हैं. श्रद्धालु अपने आराध्य भगवान के लिए ऊनी वस्त्र खरीद रहे हैं. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु, स्थानीय निवासी भी ठाकुर जी के लिए गर्म वस्त्र खरीद रहे हैं.

मंदिरों में भोग का भी विशेष ध्यानःबता दें कि प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालु ठाकुर जी को सर्दी से बचाव करने के लिए गर्म वस्त्र तो पहनाते हैं. मंदिरों में भोग का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. सर्दी के मौसम में मनपसंद व्यंजन के साथ शाकाहारी गाजर, लौकी के हलवे के साथ मूंग की दाल का हलवा भी तैयार करके भोग लगाया जाता है. कुछ मंदिरों में तो चांदी की अंगीठी में अलाव सिलगाई जाती है ताकि भगवान को ठंड न लगे.

दुकानदार शिवा पुंडीर ने बताया कि बृज में बाल स्वरूप ठाकुर जी की पूजा की जाती है. ठाकुर जी को गर्मियों में गर्मी के वस्त्र और सर्दियों मे सर्दी के वस्त्र पहनाये जाते है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालु भी अपने भगवान के लिए उन्हीं वस्त्र की डिमांड करते हैं. इसलिए बाजार में भगवान के ऊनी वस्त्र उपलब्ध है. रजाई गद्दे के साथ हाथ के दस्ताने भी बिक रहे हैं.

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