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कानपुर की सबसे बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्री पर क्यों पड़ा ताला, 1500 मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट - KANPUR NEWS

सालों से कानपुर की पहचान रही कानपुर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी. श्रमिक नेता ने जताया आक्रोश.

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कानपुर की बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्री क्यों हुई बंद. (photo credit: social media)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 18, 2025, 11:13 AM IST

कानपुर: जिस तरह कानपुर की पहचान में लाल इमली की अहम भूमिका रही है, ठीक वैसे ही इस औद्योगिक नगरी की पहचान कानपुर फर्टिलाइजर केमिकल्स प्राइवेट लिमिटेड से भी है. सालों पहले जब यहां यूरिया का उत्पादन शुरू हुआ, तो देश के कई राज्यों से यूरिया की मांग होने लगी. इसका परिणाम रहा, यहां रोजाना 67 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन होता रहा है. शहर की अब इसी सबसे बड़ी फर्टिलाइजर फैक्ट्री से बुरी खबर सामने आई है. आर्थिक कारणों के चलते फिलहाल कानपुर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी हुई है. इससे यहां काम करने वाले करीब 1500 श्रमिकों के परिवारों के सामने रोजीरोटी का संकट छा गया है. इसकी पुष्टि आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सेक्रेटरी असित सिंह ने की.


श्रमिक नेता क्या बोलेः असित सिंह ने बताया कि 17 दिसंबर से गैस अथारिटी आफ इंडिया लिमिटेड ने अचानक ही गैस की सप्लाई बंद कर थी. इसके चलते यूरिया का उत्पादन ठप हुआ. इसके बाद शुक्रवार को प्रबंधन ने कानपुर फर्टिलाइजर पर तालाबंदी की जानकारी दे दी. साथ ही इस बाबत नोटिस भी चस्पा कर दिया गया. हालांकि, श्रमिक नेता ने श्रम विभाग से संबंधित नियमों का संदर्भ देते हुए कहा कि प्रबंधन अचानक ही इकाई को बंद नहीं कर सकता. इस मामले पर वह संगठन के अन्य पदाधिकारियों संग शनिवार को श्रमायुक्त से मिलेंगे और उन्हें ज्ञापन सौंपेंगे.

260 करोड़ रुपये गेल को दिए जा चुकेःश्रमिक नेता असित ने बताया कि कानपुर फर्टिलाइजर की ओर से गैस की बकाया राशि के तौर पर कुछ माह पहले ही करीब 260 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान किया गया था लेकिन, बकाया राशि और अधिक होने के चलते गेल के अफसरों ने इस मामले में कोई खास रुचि नहीं दिखाई. असित ने कहा कि नियमानुसार केंद्र की ओर से यूरिया को लेकर दी जाने वाली सब्सिडी भी प्रबंधन को नहीं मिली. दिसंबर से पहले प्रबंधन की ओर से हर दो तारीख को श्रमिकों को वेतन दे दिया जाता था मगर, दिसंबर में 14 दिसंबर तक वेतन नहीं आया था. वेतन की लड़ाई लड़ने के बाद जैसै-तैसे दिसंबर का वेतन जारी करा दिया था लेकिन, अब जनवरी में प्रबंधन ने अचानक ही फर्टिलाइजर पर तालाबंदी कर दी है. इस मामले पर जब फर्टिलाइजर के श्रम अधिकारी प्रदीप चतुर्वेदी से संपर्क करने का प्रयास किया गया, तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की.

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