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हरियाणा में 17 अक्टूबर को क्यों होने वाला है नए CM का शपथग्रहण, सामने आई ये बड़ी वजह - WHY HARYANA CM OATH ON 17OCTOBER

Why Haryana CM Oath on 17october : हरियाणा में नई सरकार के शपथग्रहण के लिए 17 अक्टूबर की तारीख क्यों चुनी गई है, जानिए वजह.

Why is the swearing in of the new CM going to take place in Haryana on October 17
हरियाणा में 17 अक्टूबर को क्यों होने वाला है नए CM का शपथग्रहण (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 14, 2024, 9:16 PM IST

चंडीगढ़/नई दिल्ली :हरियाणा में नई सरकार के शपथग्रहण के लिए तारीख पर तारीख बदलने के बाद 17 अक्टूबर को चुना गया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर 17 अक्टूबर को ही हरियाणा में शपथग्रहण समारोह के लिए क्यों चुना गया है. क्या है इसके पीछे की वजह ?

17 अक्टूबर को शपथग्रहण :हरियाणा में पहले 15 अक्टूबर को बीजेपी की नई सरकार के शपथग्रहण के लिए चुना गया था. बकायदा सरकार की ओर से तैयारियों को लेकर सूचना भी जारी हो चुकी थी लेकिन फिर अचानक से इस तारीख को बदल डाला गया और 17 अक्टूबर की तारीख चुनी गई. बताया जा रहा है कि इस बदलाव के पीछे की वजह बीजेपी की सोची समझी स्ट्रैटजी है. दरअसल 17 अक्टूबर के दिन वाल्मीकि जयंती है और हर चुनाव में दलितों, वंचितों, शोषितों की बात करने वाली बीजेपी 17 अक्टूबर को हरियाणा की नई सरकार का शपथग्रहण समारोह करवाकर दलितों को खास संदेश देना चाहती है.

महर्षि वाल्मीकि की तस्वीर के साथ नायब सिंह सैनी (Etv Bharat)

दलितों पर बीजेपी का पूरा फोकस :आपको बता दें कि हरियाणा सरकार ने पहले ही रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के जन्म की तारीख पर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश का ऐलान कर रखा है. महर्षि वाल्मीकि पर भाजपा का हमेशा से फोकस रहा है. जनवरी में अध्योध्या इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि के नाम पर कर दिया गया था. साल 2015 में खट्टर सरकार ने हरियाणा की यूनिवर्सिटी का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर कर दिया था, वहीं जून 2021 में खट्टर कैबिनेट ने कैथल यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत यूनिवर्सिटी कर दिया था. इसके अलावा 2016 के बाद से 17 अक्टूबर के दिन पूरे हरियाणा में वाल्मिकी जयंती मनाई जा रही है जिससे साफ समझ में आता है कि भाजपा का दलितों पर कितना ज्यादा फोकस है.

मोदी के साथ नायब सिंह सैनी (Etv Bharat)

ओबीसी चेहरे को बनाया सीएम :हरियाणा में भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 90 में से 48 सीटें हासिल की थी. इस जीत के पीछे दलितों और ओबीसी वोटर्स का खास योगदान रहा है. वहीं हरियाणा में लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी ने पंजाबी चेहरे के तौर पर मनोहर लाल खट्टर को बदलते हुए ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सिंह सैनी को हरियाणा की कमान सौंपी थी और उन्हें ही चुनाव में सीएम फेस भी बनाया गया. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इसका फायदा भी मिला है.

अमित शाह के साथ नायब सिंह सैनी (Etv Bharat)

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