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आखिर क्यों बीजेपी को फिर पड़ी रघुवर दास की जरूरत, क्या है आगे की रणनीति - WHY BJP NEED RAGHUVAR DAS

चर्चा है कि रघुवर दास बीजेपी ज्वाइन करेंगे और पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी. क्या है इसके पीछे कारण इस रिपोर्ट में जानिए.

WHY BJP NEED RAGHUVAR DAS
रघुवर दास (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 29, 2024, 5:18 PM IST

रांची: हाल ही में संपन्न हुए झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में झारखंड बीजेपी आत्मचिंतन कर रही है और अपनी आगे की रणनीति तय कर रही है.

विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी अपनी रणनीति में बदलाव कर रही है. इसके तहत उन्हें प्रदेश में एक सशक्त नेतृत्व की तलाश थी. दूसरी तरफ रघुवर दास भी सक्रिय राजनीति में आने की इच्छा रखते हैं. ऐसे में माना ये जा रहा है कि पूर्व सीएम रघुवर दास एक बार फिर से बीजेपी ज्वाइन करेंगे और पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपेगी.

झारखंड पहुंचने के बाद रघुवर दास ने क्या कहा

इसकी संभावना इसलिए भी जताई जा रही है क्योंकि जब ओडिशा के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के बाद रघुवर दास जमशेदपुरपहुंचेतो उन्होंने भी कहा था कि राज्यपाल बनाए जाने से दुखी थे. उन्होंने कहा कि जनता के बीच रहना उन्हें पसंद है. यही वजह है कि उन्होंने ओडिशा का राज्यपाल रहते हुए भी 30 जिलों के लोगों से संवाद स्थापित किया. मीडिया के सवालों का जवाब देत हुए रघुवर दास ने कहा कि वे सक्रिय राजनीति में लौटना चाहते हैं. वे बूथ स्तर के कार्यकर्ता रहे हैं और उनकी इच्छा है कि वे संगठन का झंडा लहराकर जाएं. उन्होंने ये भी कहा कि प्रभू जगन्नाथ ने उन्हें झारखंड भेजा है, इसलिए वे यहीं रहेंगे और लोगों की सेवा करेंगे.

बीजेपी को क्यों हैरधुवर दास की जरूरत

सवाल ये है कि आखिर झारखंड बीजेपी क्यों रघुवर दास को वापस लाना चाहती है. राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि बीजेपी की तमाम कोशिश के बाद भी आदिवासी वोटरों ने उन्हें वोट नहीं किया. झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में डेमोग्राफिक चेंज और बेटी, रोटी, माटी जैसे मुद्दे को बीजेपी ने जोर शोर से उठाया. पीएम से लेकर राज्य और पार्टी के बड़े नेताओं ने अपनी सभाओं में इसे खूब उछाला लेकिन इसका कोई फायदा पार्टी को नहीं हुआ. यही वजह है कि पार्टी अब ओबीसी वोटरों पर फोकस करना चाहती है. रघुवर दास क्योंकि ओबीसी समाज से आते हैं इसलिए इस प्लान में वे पूरी तरह से फिट बैठते हैं. यही वजह है कि पार्टी एक बार फिर से रघुवर दास को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप सकती है.

क्या कहते हैं राजनीतिक विशलेषक

राजनीतिक विश्लेषक गौतम चौधरी के अनुसार झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की राजनीति ओबीसी और ट्राइबलवोटबैंक के इर्दगिर्द हमेशा से रही है. यह बात सही है कि पिछले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर पार्टी का ट्राइबल वोटबैंक की ओर झुकाव ज्यादा रहा और इसे साधने के लिए कई बड़े चेहरे को पार्टी में शामिल कराया जाता रहा. बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में बनी प्रदेश कमेटी में भी ओबीसी समाज खासकर तेली और बनिया जाति को प्रमुखता से रखा गया है, इसके बावजूद कोई खास सफलता नहीं मिली. यही वजह है कि अब रघुवर दास को बड़ी जिम्मेदारी देने की तैयारी चल रही है.

रघुवर दास हैं मजबूत नेता

रघुवर दास की बात करें तो वर जमशेदपुर पूर्वी से पांच बार के विधायक रह चुके हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में भी उनकी बहू ने अच्छे वोटों के अंतर से जीत हासिल की है, जो बताता है कि अभी भी रघुवर दास की पकड़ अच्छी खासी है.रघुवर दास ने बीजेपी मे निचले स्तर तक काम किया है. वे झारखंड के पहले और एक मात्र सीएम भी हैं जिन्होंने अपने पांच साल का टर्म पूरा किया. ऐसे में पार्टी एक बार फिर उनके सहारे अपनी स्थिति मजबूत करना चाहती है.

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