लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रबंधन समिति बन चुकी है, जिसमें 3 वरिष्ठ मंत्रियों को सबसे महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है. जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोक निर्माण विभाग मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारीता मंत्री जेपीएस राठौर को सबसे अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं.
स्वतंत्र देव सिंह रैलियां की जिम्मेदारी, जितिन प्रसाद चुनाव में लगने वाली अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखेंगे और जेपीएस राठौर बाकी चुनाव प्रबंधन देखेंगे. लगभग एक महीने तक चलने वाले चुनाव अभियान के दौरान उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने अपने तीन वरिष्ठ मंत्रियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है.
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर इस कमेटी में शामिल हैं. इसी संचालन समिति की देखरेख में बीजेपी लगभग 300 रैलियां और सभाएं मिलाकर करेगी. एक दिन में 100 के करीब बड़ी रैलियां हो सकती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के कार्यक्रम ऐसे बनेंगे जिसके जरिए उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों और 80 लोकसभा सीटों को कवर किया जा सके. उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री जिस जिले में नहीं जा सकेंगे, उसकी सीमा पर रैली का आयोजन किया जाएगा. इसके जरिए दो लोकसभा सीट या जिले को कवर किया जा सकेगा. भारतीय जनता पार्टी चुनाव प्रबंधन कमेटी की पहली बैठक में रैलियों के संबंध में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां तय की गईं.
भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद उत्तर प्रदेश के सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर कमेटी में शामिल हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक वर्मा ने इस बारे में बताया कि बड़े लक्ष्य के लिए बड़े लोगों को कम करना पड़ता है. इसलिए हमारी चुनाव संचालन समिति काम कर रही है.
लंबे समय से सभाओं और रैली की जिम्मेदारी को देख रहे जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को महत्वपूर्ण काम दिया गया है. विधायक तय करेंगे कि बड़े नेताओं जैसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय अध्यक्ष गृहमंत्री रक्षा मंत्री की रैली कहां-कहां हों. इसके अपनी महत्वपूर्ण सलाह व चुनाव प्रबंधन समिति को देते रहेंगे. दूसरी ओर लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद भी तैयारी को लेकर मदद करेंगे और हर जिले तक रैलियों की व्यवस्था को संभालेंगे.
जेपीएस राठौर जगह-जगह प्रचार अभियान में किस तरह के प्रयोग किए जाएंगे. नेताओं के आवागमन की व्यवस्था कैसे होगी. भीड़ छूटने के इंतजाम कैसे और किसके जरिए किए जाएंगे. इन सारी बातों पर चर्चा की गई. इसके अतिरिक्त इस बैठक में प्रचार अभियान के मुद्दों को किस तरह से बदलना है कौन से मुद्दों पर कायम रहना और किन मुद्दों को नहीं छूना है इस पर भी बातचीत की गई.
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