रांची: झामुमो के बागी विधायक चमरा लिंडा ने चुनावी मैदान में उतरकर लोहरदगा सीट के समीकरण को दिलचस्प बना दिया है. यह सीट झारखंड की हाई प्रोफाइल सीट रही है. यहीं से जीतकर भाजपा के सुदर्शन भगत केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री बने थे. जबकि कांग्रेस के रामेश्वर उरांव राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं.
इसबार कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत को मैदान में उतारा है. वहीं भाजपा ने सुदर्शन भगत का टिकट काटकर समीर उरांव पर दाव लगाया है. इस सीट पर लंबे समय से कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होती रही है. लेकिन 2009 के चुनाव में चमरा लिंडा ने वोट का गणित बदल दिया था. वह दूसरे स्थान पर रहे थे.
हालांकि 2014 में फिर तीसरे स्थान पर लुढ़क गये और 2019 के चुनाव से खुद को दूर रखा. इसबार झामुमो के मना करने के बावजूद बागी बनकर लोहरदगा के मैदान में उतर गये हैं. अब सवाल है कि चमरा लिंडा इस चुनावी रेस में रहेंगे या वोट कटवा साबित होंगे. वैसे उनका दावा है कि उनका सीधा मुकाबला भाजपा के साथ होने जा रहा है. उनके दावे को समझने के लिए वोटों के गणित को परखना जरुरी है.
2004 के लोकसभा चुनाव में विधानसभावार वोटों का गणित
मांडर - 2004
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 48,605
- भाजपा - दुखा भगत - 33,636
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 19,608
सिसई - 2004
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 47,780
- भाजपा - दुखा भगत - 27,872
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 7,714
गुमला - 2004
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 50,678
- भाजपा - दुखा भगत - 28,357
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 5,161
बिशुनपुर - 2004
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 33,340
- भाजपा - दुखा भगत - 19,227
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 13,344
लोहरदगा - 2004
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 43510
- भाजपा - दुखा भगत - 24,530
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 13,115
चमरा लिंडा के लिए यह पहला लोकसभा चुनाव था. झारखंड अलग होने के बाद डोमिसाइल विवाद ने उन्हें पहचान दिलाई थी. लेकिन चुनाव में सफलता नहीं मिली. 2004 के चुनाव में कांग्रेस के रामेश्वर उरांव ने 2,29,920 वोट लाकर जीत हासिल की. दूसरे स्थान पर भाजपा के दुखा भगत को 1,33,665 वोट मिले. वहीं, चमरा लिंडा 58,947 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे. किसी तरह अपनी जमानत बचा पाए. शेष 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई.
2009 के लोकसभा चुनाव में वोटों का गणित
पांच साल की मेहनत से चमरा ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत बना ली. इसका असर 2009 के लोकसभा चुनाव में दिखा. 2004 का चुनाव जीतने वाले रामेश्वर उरांव को 1,29,622 वोट यानी 13.20 प्रतिशत वोट मिले. भाजपा के सुदर्शन भगत को 1,44,628 वोट यानी कुल 14.73 प्रतिशत वोट मिले. वहीं चमरा लिंडा ने रामेश्वर उरांव को पीछे छोड़ते हुए 1,36,345 वोट लाकर दूसरा स्थान हासिल कर लिया.
मांडर - 2009
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 31,756
- भाजपा - सुदर्शन भगत - 25,239
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 26,016
सिसई - 2009
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 27,636
- भाजपा - सुदर्शन भगत - 27,190
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 21,498
गुमला - 2009
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 26,764
- भाजपा - सुदर्शन भगत - 33,761
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 20,716
बिशुनपुर - 2009
- कांग्रेस - रामेश्वर उरांव - 18,198
- भाजपा - सुदर्शन भगत - 27,274
- निर्दलीय - चमरा लिंडा - 42,068