रायपुर:छत्तीसगढ़ का बारनवापारा अभयारण्य समतल और पहाड़ी क्षेत्र का मिश्रण है. यह 265 मीटर से 400 मीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है. इस अभयारण्य में चार सींग वाले हिरण, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंसें, अजगर, बार्किंग हिरन, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बक्स हैं.
बारनवापारा अभयारण्य में 14-16 हाथियों का दल करता है निवास:तीन साल से बारनवापारा अभयारण्य में 14-16 हाथियों का दल निवास कर रहा है. पिछले 8 माह से एक बाघ लगातार अभयारण्य में विचरण कर रहा है.
बारनवापारा अभयारण्य में बगुले, बुलबुल, इरगेट्स और तोता की कई प्रजातियां हैं. इस वन क्षेत्र में शुष्क पर्णपाती और अन्य पेड़ हैं, जिनमें तेंदू, बीर, सेमल, साक, टीक और बेंत शामिल हैं.
बारनवापारा में 150 प्रजाति की तितलियां:खास बात यह भी है कि बारनवापारा अभयारण्य में 150 प्रजाति की तितली और मोथ पाई जाती हैं. वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की शेड्यूल वन की क्रिमसन रोज (पैचीलौप्टा हेक्टर) डनाइड इगली (हाइपो सिलिमस मिसीपस) शेड्यूल दो की सिपोरा निरिसा, होगारा एनेक्स, यूक्रीशॉप्स सीनेजस, जेनेलिया लेपीडिया रपेला वरुणा, लैंपिडर्स बोइहन, तजुना शिप्स प्रजाति पाई जाती है. शेड्यूल छह की भी बहुत से प्रजाति पाई जाती है.
बारनवापारा नाम कैसे पड़ा: बारनवापारा नाम बार और नवापारा गांव से मिलकर बना है. बारनवापारा अभयारण्य अपनी स्थापना के बाद से ही देश के हर हिस्से से पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है. अभयारण्य की स्थलाकृति समतल है. ऊंचाई 640 मीटर समुद्र तल तक है. बालमदेही, जोंक और महानदी नदियां अभयारण्य की जीवन रेखा हैं. वार्षिक वर्षा 1200 मिमी है.