बोकारोःजिला प्रशासन और चुनाव आयोग द्वारा स्वीप के तहत चलाया गया जागरुकता अभियान बोकारो विधानसभा में बेअसर साबित हुआ. बुधवार को वोटिंग के दिन कई मतदान केंद्रों पर सन्नाटा पसरा नजर आया. दोपहर के 2:00 बजे के बाद बोकारो शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्रों पर मतदानकर्मी खाली बैठे नजर आए. इक्का-दुक्का मतदाताओं ने बूथों पर पहुंचकर अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
वहीं, बोकारो विधानसभा के मतदान केंद्र संख्या 309 पर भी वोटिंग प्रतिशत कम रहा. मतदान केंद्र में वोटर नजर नहीं आए. जबकि मतदान केंद्र संख्या 309 में 1090 मतदाता हैं. वहीं मतदान केंद्र संख्या 310 पर भी काफी कम वोटिंग हुई. जबकि यहां 1257 मतदाता हैं. यही हाल 3011 मतदान केंद्र का भी रहा. बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में बोकारो विधानसभा सीट पर 51.21 प्रतिशत मतदान हुआ था. साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 में लगभग 52.07 प्रतिशत वोटिंग हुई थी.
इस संबंध में वरिष्ठ पत्रकार राम प्रवेश बताते हैं कि बोकारो स्टील सिटी एक केंद्र शासित शहर की तरह है. यहां बोकारो स्टील प्लांट में काम करने वाले कामगार और पदाधिकारी-अधिकारी रहते हैं. उनके बच्चे बोकारो में वोटर लिस्ट में शामिल तो रहते हैं, लेकिन मतदान नहीं कर पाते हैं. इसलिए भी मतदान का प्रतिशत कम रहता है.
इधर, मतदान के दिन जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह बोकारो डीसी विजया यादव और एसपी मनोज स्वर्गीयारी जिला मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से पल-पल की जानकारी ले रहे थे. बोकारो में सुबह 9:00 बजे तक कुल 12.52% वोटिंग हुई थी. हालांकि बोकारो डीसी ने इस बार वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद जताई थी. वहीं बोकारो एसपी मनोज स्वर्गीयारी ने बताया कि पूरे जिले में शांतिपूर्ण तरीके से मतदान हुआ. कभी नक्सलियों का गढ़ रहे झूमर पहाड़ समेत अन्य स्थानों में भी शांतिपूर्ण ढंग से मतदान हुआ. कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं है.