नई दिल्ली: दिल्ली एंड डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) के चुनाव के लिए शुक्रवार से मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी. यह प्रक्रिया 13, 14 और 15 दिसंबर तक चलेगी. इसके बाद 16 दिसंबर को मतगणना के बाद चुनाव परिणाम की घोषणा कर दी जाएगी. डीडीसीए चुनाव में पांच पदों अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद के साथ ही सात डायरेक्टर के पदों के लिए भी मतदान होता है. मतदान की प्रक्रिया फिरोजशाह कोटला किले के पास स्थित अरुण जेटली स्टेडियम में होगी. सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक डीडीसीए के सदस्य अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.
डीडीसीए के 4200 से ज्यादा सदस्य मतदाता हैं. लेकिन, इस बार इन सभी सदस्यों को चुनाव से पहले अपना केवाईसी कराने के लिए मेल पर आधार कार्ड, मेंबरशिप नंबर और अन्य डिटेल भेजने थे. 3,748 सदस्यों ने डिटेल भेजकर अपना केवाईसी करा ली है. यही सदस्य इस बार डीडीसीए चुनाव में मतदान कर पाएंगे. इनकी सूची डीडीसीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है.
इसके अलावा 449 सदस्य अपना वेरिफिकेशन न कराने के कारण मतदान नहीं कर पाएंगे. वहीं, 22 सदस्यों का निधन होने के बाद उनके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं. मतदान की बात करें तो डीडीसीए चुनाव में 60 से 65 प्रतिशत तक ही सदस्य अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं. पिछले चुनाव में भी करीब 2400 सदस्यों ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इतने ही वोटों के आधार पर हार-जीत तय होती है.
इस बार तीन ग्रुप चुनाव मैदान में: डीडीसीए के सदस्य भारत गौड़ ने बताया कि इस बार के चुनाव में रोहन जेटली पैनल, कीर्ति आजाद पैनल और विनोद तिहारा-राकेश पावरिया पैनल चुनाव मैदान में हैं. तिहारा पैनल के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रोहन जेटली ही हैं, जबकि अन्य पदों उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष पद और डायरेक्टर के सातों पदों के लिए इस पैनल ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कीर्ति आजाद पैनल ने इस बार के चुनाव में भी भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया है. उनका आरोप है कि डीडीसीए में भ्रष्टाचार खत्म करना हो तो बदलाव लाना होगा. इसलिए कीर्ति आजाद पैनल ने चुनाव में नारा भी दिया है कि डीडीसीए अभी नहीं बदलेगा तो कभी नहीं बदलेगा.
ये हैं डीडीसीए चुनाव के नियम:लोढ़ा कमेटी की सिफारिश के बाद वर्ष 2018 से डीडीसीए चुनाव में सभी सदस्यों को मताधिकार प्राप्त हुआ और लोकतांत्रिक तरीके से चुनाव शुरू हुआ. यह भी नियम लागू हुआ कि 70 वर्ष से अधिक उम्र का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकता. साथ ही कोई लगातार दो चुनाव से ज्यादा नहीं लड़ सकता. लगातार दो चुनाव लड़ने के बाद उस पदाधिकारी को सात साल का गैप लेना होगा. इसके बाद ही वह फिर से चुनाव लड़ सकता है. इस तरह यह रोहन जेटली का लगातार दूसरा चुनाव है. इसके बाद वह अगला चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. डीडीसीए का चुनाव तीन साल के लिए होता है.