नई दिल्ली:राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप प्रत्यारोप लगातार जारी है. जहां दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को हरियाणा और यूपी की बीजेपी सरकार को प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराया था, वहीं सोमवार को दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा, नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता और दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के सदस्य अनिल गुप्ता के साथ इंडिया गेट पहुंचे.
उन्होंने कहा, प्रदूषण का ग्राफ बढ़ रहा है. अरविंद केजरीवाल के शासन में दिल्ली बद से बदतर हो चुकी है. पिछले दस सालों में प्रदूषण से लड़ने की कोशिश की ही नहीं गई. दिल्लीवालों को हर दस में तीन व्यक्ति को या तो खांसी से, या गले में खराश या फिर सांस लेने में तकलीफ से परेशान है. इसका कारण पीएम (पर्टिकुलेट मैटर 2.5) है. यह धूल का इतना महीन कण है जो दिखाई भी नहीं देता. दिल्ली में अधिकतर जगहों पर सड़कें टूटी हुई हैं, जहां से धूल मिट्टी उड़ती है. इसे साफ करना किसका काम है.
दी ये चुनौती:वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, मैं गोपाल राय (दिल्ली के पर्यावरण मंत्री) को चुनौती देते हुए कहता हूं कि ये जो 1600 जगह पराली जलने का डेटा है, वो पंजाब सरकार का डेटा है. गोपाल राय से पूछना चाहिए कि 3300 करोड़ रुपये दिए केंद्र सरकार ने पराली को बचाने के लिए, क्या किया उनका. भारत सरकार ने नेशनल एयर क्लीनिंग प्रोग्राम के तहत 33 करोड़ रुपये से अधिक दिल्ली सरकार को दिए, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके. इसमें से वे केवल 10.77 करोड़ रुपये खर्च कर पाए हैं. बाकि पैसे इनसे खर्च नहीं होते, क्योंकि उसे इन्हें हजम करना है.