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इन दो रंगों से चिढ़ते हैं जंगली हाथी, अपने खलिहान को बचाने के लिए ये करें उपाय! - WILD ELEPHANT TERROR

खूंटी में जंगली हाथियों से बचाव को लेकर ग्रामीणों को जागरूक किया गया. कर्नाटक के वन्य प्राणी विशेषज्ञ ने लोगों को कई टिप्स दिए.

Villagers made aware about protection from wild elephants in Khunti
खूंटी में ग्रामीणों के बीच जागरुकता अभियान (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jan 2, 2025, 7:32 PM IST

खूंटीः जिला के वन प्रमंडल क्षेत्र जरिया रेंज में जंगली हाथियों का आतंक जारी है. आलम ऐसा है कि पिछले छह दिनों के भीतर हाथियों के हमले से दो ग्रामीणों की मौत हो गयी. इसके बाद वन विभाग सतर्कता बरत रहा है.

ग्रामीणों को जंगली हाथी से बचाव और हाथी से अगर सामना हो जाए तो कैसे निकला जा सकता है. इसको लेकर ग्रामीणों को कई टिप्स दिए गये. गुरुवार को लोधमा पहुंचे कर्नाटक के वन्य प्राणी विशेषज्ञ रुद्रा प्रसाद ने जरिया रेंज के दर्जनों गांव के लोगों को जंगली हाथी से बचाव के गुर सिखाए. इस मौके पर वन विभाग के अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

ग्रामीणों को जंगली हाथी से बचाव के टिप्स देते वन्य प्राणी विशेषज्ञ रुद्रा प्रसाद (ETV Bharat)

डीएफओ दिलीप कुमार के निर्देशन पर ग्रामीणों को हाथी से बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है. एक जनवरी से लगातार ग्रामीणों के बीच वन विभाग की टीम जा रही है और उनके बीच विभिन्न प्रकार की सामग्रियों का वितरण किया जा रहा है. साथ ही गांव में खराब पड़े सोलर लाइट्स को दुरुस्त कराने में जुटा हुआ है. इस जन जागरूकता अभियान के बीच कर्नाटक के वन्य प्राणी विशेषज्ञ रुद्रा प्रसाद पहुंचे और ग्रामीणों को हाथी से बचाव के टिप्स दिए गए.

रुद्रा प्रसाद ने ग्रामीणों से आग्रह किया है कि सूरज ढलने के बाद गांव से बाहर न निकलें और सुबह टहलने या किसी अन्य काम के लिए जंगल जाने से बचें. साथ ही उन्होंने बताया कि खलिहान में अगर धान रखा हुआ है उस जगह पर एक टिन का ड्राम रखें. इसी दौरान अगर हाथी वहां पहुंच जाए तो वहां रखे ड्राम में आग लगा दें और उसमें सूखी मिर्चा डाल दें. सूखा मिर्चा का धुएं से हाथी वहां से भाग जाएगा.

लाल और सफेद रंग से चिढ़ता है हाथी!

वन्य प्राणी विशेषज्ञ रुद्रा प्रसाद ने ग्रामीणों के साथ कई तरह की जानकारियां साझा करते हुए कहा कि जितना हो सके जंगली हाथियों से दूर रहें. अगर हाथी अचानक पहुंच जाता है तो भागने का प्रयास बिल्कुल न करें. अगर लाल और सफेद कपड़ा पहन कर गए हैं तो हाथी लाल और सफेद रंगों से चिढ़ता है. इसलिए कोशिश करना चाहिए कि लाल और सफेद रंग के कपड़े पहनने से बचें.

खूंटी में ग्रामीणों के बीच जागरुकता अभियान (ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि अगर हाथी अचानक पहुंच जाए तो उससे बचने के लिए भागें नहीं बल्कि धैर्य रखकर अपने गमछे या कोई भी कपड़े के टुकड़े को गोल बनाकर उसके पास फेंक दें, उस गोले को देखकर हाथी गुस्सा हो जाएगा. इससे उसका ध्यान भटकेगा और आपको वहां से भागने का मौका मिल जाएगा, आपको टेढ़ा-मेढ़ा भागना है, सीधा नहीं. यही नहीं अगर आपके पास हेलमेट है तो उसे भी हाधी के सामने फेंक दें. विशेषज्ञ ने बताया कि वे 35 साल से हाथियों का इलाज करते आ रहे हैं, इसलिए वे जंगली हाथियों के बारे में काफी कुछ जानते हैं.

एक अकेले हाथी ने नाक में किया दम!

खूंटी के वन प्रमंडल क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में जंगली हाथियों का एक बड़ा समूह विचरण कर रहा है. सबसे ज्यादा रांची जिला के सोनाहातू और तमाड़ रेंज में हाथियों का झुंड मौजूद है जबकि खूंटी में कर्रा प्रखंड क्षेत्र के जरिया रेंज में एक स्थायी हाथी ग्रामीणों के लिए जान का दुश्मन बना हुआ है. यह हाथी दिनभर जंगल में रहता है और शाम होते ही गांव की तरफ आने से ग्रामीणों में दहशत है. यही नहीं गांवों में लगी सोलर लाइट भी खराब है जिससे ग्रामीणों को परेशानी होती है.

गुरुवार को वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों की शिकायत के बाद वन विभाग द्वारा लगाए गए सोलर लाइट को ठीक कराया गया. साथ ही रात में जंगली हाथियों से बचाव के लिए चियुरछापर, बिलसिंरिंग, पंडरा और केदली के दोनों टोला के गांव के ग्रामीणों को हाथी के बचाव के सामग्री उपलब्ध कराया गया. जिसमें टॉर्च, बोरा, मोबिल, जुट, मशाल सहित अन्य सामान शामिल रहे.

सोलर लाइट बदलते वन विभाग के कर्मचारी (ETV Bharat)

खूंटी और पोड़ाहाट रेंज के प्रभारी वन क्षेत्र पदाधिकारी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि वन प्रमंडल क्षेत्र में हाथियों की मौजूदगी बढ़ी है और वन विभाग लगातार उनपर नजर बनाए हुए है. इसके साथ ही हाथियों को उनके कॉरिडोर की तरफ भेजने का प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि जरिया रेंज में कुछ दिनों से एक स्थायी हाथी बेड़ो रेंज और चौका रेंज से निकल कर जरिया रेंज को अपना ठिकाना बना लिया है, जिसे उसके कॉरिडोर में भेजने की रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि एकलौता हाथी को भेजा जा चुका था लेकिन कुछ दिनों से वह हाथी आना जाना करने से वन विभाग के लिए भी चुनौती बना हुआ है.

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