जमशेदपुरः सिखों के 10वें गुरु गुरु गोविंद सिंह जी की 358वीं जयंती प्रकाश पर्व के रूप में मनाई गई. इस अवसर पर सोमवार को जमशेदपुर के टेल्को गुरुद्वारा से पालकी साहब नगर कीर्तन यात्रा निकाली गयी. इसमें हजारों की तादाद में सिख समाज के लोग शामिल हुए. नगर कीर्तन में सिख कमेटी द्वारा संचालित विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी शामिल हुए. नगर कीर्तन टेल्को से लेकर टिनप्लेट, गोलमुरी से होकर देर शाम साकची गुरुद्वारा पहुंचा.
गुरुवाणी से माहौल हुआ भक्तिमय
बता दें कि नगर कीर्तन में शामिल लोग नंगे पांव चल रहे थे. जगह-जगह नगर कीर्तन में शामिल लोगों का स्वागत किया गया. इस दौरान सत नाम वाहेगुरु और गुरुवाणी से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया. नगर कीर्तन में पैदल चलने वालों की सेवा के लिए समाज के लोगों द्वारा जगह जगह शिविर लगाया गया था. शिविरों में पानी, चाय से लेकर फल और नाश्ता का प्रबंध किया गया था.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
वहीं नगर कीर्तन को लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. जगह-जगह पुलिस पदाधिकारियों और जवानों की तैनाती की गई थी. साथ ही आकस्मिक मेडिकल सेवा के लिए एम्बुलेंस भी जगह-जगह मौजूद थी. वहीं सड़क किनारे नगर कीर्तन देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई थी.
गुरु के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत
नगर कीर्तन में शामिल सिख समाज के अमरप्रीत सिंह ने बताया कि आज का दिन पावन दिन है. गुरु गोविंद सिंह जी ने धर्म की रक्षा और मानव सेवा के लिए कई उल्लेखनीय काम किए थे. पूरे विश्व में जहां- जहां भी सिख धर्म के लोग हैं सभी गुरु की जयंती को मना रहे हैं. गुरु गोविंद सिंह सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी समाज के लोगों के लिए भी सेवा भाव रखते थे. आज विश्व में प्रेम, सौहार्द कायम रखने के लिए गुरु के विचारों को आत्मसात करने की जरूरत है.
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