जयपुर: विजयदशमी के मौके पर आरएसएस के स्थापना दिवस के साथ ही शस्त्र पूजा के कार्यक्रम देश भर में आयोजित किए गए. इस मौके पर जयपुर के झोटवाड़ा नगर में पथ संचलन का आयोजन किया गया. इसके पहले संघ के पूर्व सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने अपने संबोधन में कहा कि हमने प्रकृति को ही ईश्वर माना है. आज उसे ही नष्ट करने में लगे हैं. प्रकृति के साथ खिलवाड़ क्यों करते हैं ? तभी तो बाढ़ आती है, बादल फटते हैं और भूकंप आते हैं.
उन्होंने कहा कि स्वच्छता सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाने पड़ते हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की सफाई के प्रति जागरूक होने की बात की जाती है, लेकिन क्या सफाई के लिए बड़े-बड़े विज्ञापन लगाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि हमें अपने कर्तव्य पर चर्चा करनी चाहिए. हमेशा सरकार पर निर्भर होना सही नहीं है. समाज को आगे बढ़ना है तो हर महिला को मां के रूप में देखना होगा. आज के रावण कौन, कौरव कौन ? भारत को विश्व गुरु बनना है तो रावण का पुतला जलाने से कुछ नहीं होगा.
भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे : भैयाजी जोशी ने कहा कि संविधान के प्रति हमें मतदान करने का मौका मिला, लेकिन मतदान के समय 100 प्रतिशत मतदान नहीं होता है. हम मंगल की कामना करने वाले किसी में भेद कैसे कर सकते हैं ? ये भेद करने वाले भाव खत्म करने होंगे, तभी हिंदू शक्तिशाली होगा. उन्होंने कहा कि देश में रहने वाले किसी भी जाति-बिरादरी के हो सकते हैं, लेकिन हम एक हैं. हम जिन धर्म ग्रंथों को पढ़ते हैं, सुनते हैं, क्या वह किसी धर्म से जुड़े हैं. हम सबकी भाषा, हमारे ईश्वर, हम सबके धर्म, हमारे महापुरुष सब एक हैं. हम अलग कैसे हो सकते हैं. आज हमें एक देश और एक जन की भावना को बढ़ाना होगा.