जयपुर:राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने गेल इंडिया के साथ 4200 करोड़ रुपए के एमओयू पर गुरुवार को दस्तखत किए हैं. इससे धौलपुर और रामगढ़ स्थित गैस आधारित पावर प्लांट के लिए सस्ती गैस मिलेगी. इन प्लांट में एक हजार मेगावाट बिजली बन सकेगी.
जयपुर के राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजस्थान अक्षय ऊर्जा बिजनेस प्रमोशन समिट-2024 में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर की मौजूदगी में एमओयू पर दस्तखत किए गए. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देकर प्रदेश के किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली देने के लिए तत्परता से कार्य कर रही है. भाजपा सरकार ने 7 महीने में कुसुम सी योजना में 4,386 मेगावाट के प्रोजेक्टों के एलओआई जारी कर दिए हैं. इन अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को धरातल पर मिशन मोड में क्रियान्वित किया जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के ऊर्जा उपक्रमों की मजबूत साझेदारी से राजस्थान जल्द ही ऊर्जा के क्षेत्र में न केवल आत्मनिर्भर बनेगा बल्कि अन्य राज्यों को बिजली उपलब्ध कराने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. गेल इंडिया की तरफ से कंपनी के कार्यकारी निदेशक सुमित किशोर एवं राजस्थान विद्युत त्पादन निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक देवेंद्र श्रृंगी ने एमओयू पर दस्तखत किए.
सौर और पवन ऊर्जा पर भी सरकार का फोकस:एमओयू के जरिए गेल इंडिया धौलपुर में स्थापित 330 मेगावाट व रामगढ़ में स्थापित 270.5 मेगावाट के गैस आधारित बिजली संयत्रों को कुशल एवं उपयुक्त क्षमता पर संचालन के लिए संयुक्त उद्यम के माध्यम से हस्तांतरित करने की संभावनाओं को तलासेगी और पर्याप्त मात्रा में उचित दर पर गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करेगा. साथ ही, अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 750 मेगावाट सौर ऊर्जा और 250 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित हो सकेंगी. इसके माध्यम से 4200 करोड़ रुपए का निवेश होगा.
सरकार कर रही है नीतिगत बदलाव पर विचार: ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि प्रदेश का पश्चिमी भू-भाग राजस्थान को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बिजनेस समिट में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े हितधारक अपने सुझावों व समस्याओं को साझा करेंगे. उनके उचित सुझावों एवं समस्याओं पर सरकार सहानभूति से विचार करेगी और आवश्यक होने पर नीतिगत बदलाव भी करेगी.
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अनावंटित कोटे से मिल रही है बिजली: ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने अपने हाल के दिल्ली दौरे का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देश पर राजस्थान को केंद्र ने अपने अनावंटित कोटे से 265 मेगावाट अतिरिक्त बिजली प्रदान की है. उन्होंने बताया कि इसे मिलाकर वर्तमान में राजस्थान को इस विषम परिस्थिति में अनावंटित कोटे से एक हजार मेगावाट बिजली उपलब्ध हो रही है. जिससे निर्बाध आपूर्ति बनाए रखने में मदद मिली है. केंद्र सरकार ने राजस्थान को 2 हजार मेगावाट बैटरी स्टोरेज क्षमता विकसित करने में भी सहयोग का आश्वासन दिया है.
बंडलिंग के जरिए सस्ती बिजली का उदाहरण:गेल इंडिया के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक संदीप गुप्ता ने कार्यक्रम में कहा कि राजस्थान सरकार ने इन एमओयू के माध्यम से गैस प्लांट एवं अक्षय ऊर्जा की बंडलिंग कर सस्ती ऊर्जा प्राप्त करने का अनूठा उदाहरण पूरे देश के सम्मुख प्रस्तुत किया है. इससे प्राप्त बिजली की दर तो कम होगी ही और पीक लोड डिमांड को भी पूरा किया जा सकेगा.
इन्होंने भी किया कार्यक्रम को संबोधित: इस कार्यक्रम को राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के अध्यक्ष आलोक गुप्ता, जोधपुर डिस्कॉम के एमडी ओम प्रकाश कसेरा, राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक नथमल डिडेल ने भी संबोधित किया. सभी बिजली कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी तथा अक्षय ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े लगभग 900 हितधारक इस मौके पर मौजूद थे. अधिकारियों ने हितधारकों की समस्याओं व सुझावों को सुना और समाधान करने का आश्वासन दिया. सम्मलेन की शुरुआत में 2 मिनट का मौन रखकर सभी ने विधायक अमृतलाल मीणा के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया.