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"फाइव स्टार सुविधाओं का वादा, खाना तक नसीब नहीं", खिलाड़ियों ने सुनाई आपबीती

विदिशा में राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में भाग लेने खिलाड़ी गुणवत्ताहीन खाना मिलने से परेशान हैं. वे बाहर से खाना मंगा रहे हैं.

School Taekwondo Competition
विदिशा में खिलाड़ी गुणवत्ताहीन खाना मिलने से परेशान (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 11, 2024, 6:26 PM IST

विदिशा। शहर में 68वीं राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में पहले दिन से ही खराब भोजन मिलने से खिलाड़ियों ने नाराजगी जताई. खिलाड़ियों के साथ आए कोच व परिजनों का कहना है "फाइव स्टार सुविधा बता के लाए हैं लेकिन यहां तो खाना भी ठीक से नहीं मिल रहा." बता दें कि ताइक्वांडो प्रतियोगिता 8 नवंबर शुरू हुई जो 12 नवंबर तक चलेगी. प्रतियोगिता में 14, 17 वर्ष आयुवर्ग के खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. देश के 28 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 1473 खिलाडी इस प्रतियोगिता में शामिल हुए हैं.

शिकायत के बाद भी खाने की गुणवत्ता नहीं सुधरी

खिलाड़ी लोकेंद्र ने बताया "यहां पर खाना अच्छा नहीं मिल रहा है. खाने में बहुत गंद आ रही है. बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. हमने शिकायत की तो सर ने बोला बाहर से खा लीजिए."खिलाड़ियों की परिजन नाजमीं का कहना है "हम सभी लोगों को बुलाकर लाए थे कि यहां फाइव स्टार व्यवस्था रखेंगे पर यहां पर कोई भी व्यवस्था नहीं है. फाइव स्टार तो छोड़िए यहां तो रहने का भी ठिकाना नहीं है और खाने की सुविधा अच्छी नहीं है. खाने में कीड़ा मिला आ रहा है. ऐसे तो बच्चों का स्वास्थ्य खराब हो जाएगा. हमने शिकायत अधिकारियों से की पर कोई फायदा नहीं हुआ. शौचालय में बेटियां गंदगी के कारण उपयोग नहीं कर पा रही हैं."

विदिशा में राष्ट्रीय शालेय ताइक्वांडो प्रतियोगिता (ETV BHARAT)
शिकायत के बाद भी खाने की गुणवत्ता नहीं सुधरी (ETV BHARAT)

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने आरोपों को नकारा

वहीं, सहायक संचालक कार्यालय संयुक्त संचालक लोक शिक्षण भोपाल संभाग संजय शर्मा विदिशा में चल रहे टूर्नामेंट का निरीक्षण करने आए. उन्होंने बताया "मेस में आया हूं. खाने में थोड़ा सुधार करने के लिए कहा है, जैसे बासमती चावल का उपयोग करना है. रोज जो भी निर्धारित मेन्यू है, उसके अनुसार खाना दिया जा रहा है. अभी मैंने देखा जो कमी थी, उसे ठीक करवा रहे हैं." इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आरके ठाकुर ने बताया "खाने-पीने के लिए कॉमन व्यवस्था की गई है. शाकाहारी भोजन की अलग व्यवस्था की गई है और मांसाहारी भोजन की अलग. खाने की जांच पहले खाद्य विभाग के साथ ही डॉक्टर की टीम करती है. इसके बाद ही खाना वितरित किया जाता है."

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