विदिशा।पुराणों में वर्णित विदिशा की बेतवा नदी को कलयुग की गंगा भी कहा जाता है. बेतवा नदी विदिशा शहर के लिए जीवनदायनी मानी जाती है. पिछले कुछ सालों से लगातार बेतवा इस कदर प्रदूषित हो चुकी है कि अब उसका पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. शहर के 5 गंदे नाले इसी बेतवा नदी में मिलते हैं. इससे बेतवा हद से ज्यादा प्रदूषित हो चुकी है. ये हालत तब है, जब प्रमुख त्यौहारों पर यहां शहरवासी और आसपास के गांवों के लोग स्नान करने आते हैं.
सभी घाटों पर पसरी गंदगी, पानी बेहद प्रदूषित
बेतवा नदी में लंबे समय से श्रमदान करने आ रहे गोरेलाल प्रसाद गोहिया कहते हैं"यहां आते वर्षों बीत गए. नदी की दुर्दशा देख रहे हैं. एक समय ऐसा था जब इसी नदी में एक-एक मीटर की मछलियां पाई जाती थीं. अब इंच भर की मछलियां ढूंढने में आंखें तरस जाती हैं. विभिन्न घाटों पर गंदगी पसरी हुई है. यहां का सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा घाट जिसे जानकी घाट के नाम से भी जाना जाता है. भगवान राम भी लक्ष्मण के साथ मां सीता की खोज करते हुए यहां आए थे. इस घाट की हालत बहुत खस्ता है. क्योंकि नदी प्रदूषित हो चुकी है."
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