विदिशा। सिरोंज के सरकारी स्कूल के भवनों की हालत जर्जर हो गई है. अधिकतर स्कूलों के भवनों की छतों से प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, तो कई स्कूलों के कमरों से बारिश का पानी टपकता है और दीवारों में दरारे आ गई है. भवनों की दुर्दशा के कारण बच्चों की पढ़ाई छूट रही है. जर्जर दीवारों और गिरती छतों के कारण बच्चे स्कूल भवनों में बैठते नहीं है. बीआरसी रमेश किरार ने बताया कि "सरकार की तरफ से निर्देश है कि जर्जर भवनों में बच्चों को न बैठाया जाय". कठौतिया ग्राम की तुलसा बाई कहती हैं कि "टूटी गिरती हुई स्कूल बिल्डिंग में कैसे अपने बच्चे भेज दें. मास्साब खुद डर के मारे बाहर ही रहते हैं, फिर हम अपने बच्चों को कैसे स्कूल में भेज दें."
मंदिर के चबूतरे पर चल रहा स्कूल
हद तो ये हो गई है कि अब इस स्कूल में सिर्फ 6 बच्चे बचे हैं. जिन्हें शिक्षक खुशीलाल मंदिर के चबूतरे पर बैठकर पढ़ाते हैं. वे कहते है कि "बारिश होती है तो बच्चों की छुट्टी करनी पड़ती है. स्कूल भवन की जानकारी अधिकारियों को है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. सिरोंज विकासखंड में मुरादपुर, चौड़ा खेड़ी भूरी टोरी बिशनपुर हरिजन बस्ती, अयोध्या बस्ती सहित 8 स्कूल भवन विहीन हैं. ये स्कूल पेड़ के नीचे या किसी चबूतरे पर संचालित हो रहे हैं."
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