देवघर:अब वेक्टर जनित बीमारियां सिर्फ बरसात के मौसम में नहीं होती हैं, बल्कि अब सालोंभर डेंगू, कालाजार, मलेरिया जैसी बीमारी होने लगी हैं. इसे देखते हुए देवघर का स्वास्थ्य विभाग सालोंभर ऐसी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहा है. साथ ही इन बीमारियों से ग्रसित मरीजों का बेहतर इलाज करने के लिए लगातार प्रयासरत है.
देवघर जिले में ठंड के मौसम में भी कालाजार, डेंगू और मलेरिया के मरीज मिल रहे हैं. इस संबंध में देवघर वेक्टर बोर्न डिजीज (वीबीडी) के प्रभारी डॉ. अभय यादव ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि आज के समय में मच्छरों में भी जेनेटिक चेंज हो रहे हैं. उनके व्यवहार में भी परिवर्तन हो रहा है. पहले जब मच्छरों को भगाने के लिए केमिकल का छिड़काव किया जाता था तो यह मान लिया जाता था कि मच्छर कम हो गए हैं, लेकिन आजकल छिड़काव के समय मच्छर सुरक्षित स्थान देखकर छुप जाते हैं और जब केमिकल का असर कम होता है तो फिर से वह सक्रिय हो जाते हैं.
देवघर के चिकित्सा पदाधिकारी सह जिला वेक्टर बोर्न डिजीज के प्रभारी डॉ. अभय यादव ने बताया कि अगस्त से अक्टूबर महीने में डेंगू के ज्यादा मरीज पाए जाते थे, लेकिन आजकल देवघर जिले में प्रतिदिन डेंगू के पॉजिटिव मरीज पाए जा रहे हैं. कालाजार और डेंगू के अलावा ब्रेन मलेरिया के मरीज भी देवघर सहित संथाल परगना के विभिन्न जिलों में मिल रहे हैं.
डॉ अभय यादव ने बताया कि ठंड के मौसम में लोगों को डेंगू,कालाजार, ब्रेन मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाने के लिए जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य कर्मचारियों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. विशेष अभियान चलाकर विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को इन बीमारियों से बचाव के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है. बता दें कि डेंगू एडीज एजिप्टी नाम के मच्छर के काटने से होता है. जबकि कालाजार बीमारी मादा फ्लेबोटोमाइन सैंडफ्लाई नाम के मच्छर के काटने से होता है.