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वट सावित्री व्रत है आज, सुहाग की रक्षा के लिए पूजा, जानें शुभ मुहूर्त - Vat Savitri Vrat 2024 - VAT SAVITRI VRAT 2024

Vat Savitri 2024: आज पूरे देश भर में सुहागिन महिला अपने सुहाग की रक्षा के लिए पूरे विधि विधान के साथ वट सावित्री व्रत कर रही है. दरअसल आज के ही दिन सावित्री ने अपने पति के प्राण की रक्षा की थी, जिसको लेकर उसी दिन से यह परंपरा की शुरुआत हुई. यहां जानें शुभ मुहूर्त.

Vat Savitri 2024
वट सावित्री पूजा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 6, 2024, 8:47 AM IST

Updated : Jun 6, 2024, 9:15 AM IST

वट सावित्री पूजा (ETV Bharat)

पटना: भारतीय संस्कृति में आदर्श नारीत्व का प्रतीक वट सावित्री व्रत आज मनाया जा रहा है. अपने सुहाग की दीर्घायु की कामना से स्त्रियां ये व्रत करती हैं. ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाए जानेवाले इस व्रत में वट और सावित्री की पूजा की जाती है.

क्या है पूजा विधि ?: वट सावित्री व्रत के सुहागिन महिलाएं स्नान करके शुद्ध हो जाएं और फिर नए वस्त्र पहन कर सोलह श्रृंगार करें.बाद पूजन के सभी सामग्री को डलिया या थाली में सजा लें. वट वृक्ष के नीचे जाकर वहां पर सफाई कर सभी सामग्री रखें. इसके लिए अमावस्या का मुहूर्त 5 जून यानी कल शाम 7 बजकर 54 मिनट से शुरू हो चुका है. इसका समापन 6 जून यानी आज सुबह 6 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा.

वट सावित्री पूजा (ETV Bharat)

सत्यवान-सावित्री की मूर्ति की पूजा करें: सुहागन महिलाएं वटवृक्ष के नीचे सत्यवान एवं सावित्री की मूर्ति स्थापित करें, धूप, दीप, रोली सिंदूर से पूजन करें. लाल कपड़ा सत्यवान और सावित्री को अर्पित करें तथा फल चढ़ाएं. फिर बांस के पंखे से सत्यवान सावित्री को हवा करें. बरगद के पत्ते को अपने बालों में लगाएं. इसके बाद यथाशक्ति 5,11, 21, 51,108 बार परिक्रमा करें.इसके बाद सत्यवान सावित्री की कथा से सुनें और उन्हें यथासंभव ब्राहमण को दक्षिणा दें.

अत्यंत पवित्र है बरगद का पेड़: वट यानी बरगद का पेड़ पीपल की तरह ही पवित्र माना जाता है. वटवृक्ष को देवताओं का वृक्ष यानी देववृक्ष कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बरगद की जड़ में ब्रम्हा, मूल भाग में भगवान विष्णु और अग्रभाग में देवाधिदेव महादेव स्थित होते हैं. देवी सावित्री वटवृक्ष में ही प्रतिष्ठित रहती हैं. कहते हैं कि इसी पेड़ के नीचे सावित्री ने अपने पति को यमराज से वापस पाया था. तभी से इसे वट सावित्री के नाम से जाना जाने लगा.

वट सावित्री पूजा (ETV Bharat)

वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा करने से लाभ:पूजा अर्चना करने के बाद घर जाएं और पंखे से अपने पति को हवा दें और पति का आशीर्वाद लें. शाम के वक्त एक बार फिर मीठा भोजन करें. इस तरह से पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है और पति की उम्र दीर्घायु होती है. आचार्य रामशंकर दूबे बताया नहीं की हिंदू पुराण में बरगद के पैर में ब्रह्मा विष्णु और महेश का वास बताया जाता है. मान्यता के अनुसार ब्रह्मा वृक्ष की जड़ में ,विष्णु इसके तने में और शिव ऊपरी भाग में रहते हैं. इसी वजह सेव्रत को वट वृक्ष के नीचे बैठकर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है.

मसौढ़ी में महिलाओं ने की वट सावित्री की पूजा: श्री राम जानकी ठाकुरवाडी मंदिर के मुख्य पुजारी गोपाल पांडे ने कहा कि आज के ही दिन सावित्री ने अपने पति के प्राणों की रक्षा यमराज से की थी. आज का दिन सावित्री का है और पति के प्रति प्रेम निष्ठा का यह अनुष्ठान आज महिलाओं के बीच मानया जा रहा है. मसौढ़ी की सुहागिन महिलाओं ने कहा कि आज अपने सुहाग की रक्षा और उनकी लंबी उम्र की कामना के लिए वो सभी लोग सावित्री व्रत पूजा कर रही हैं और बरगद के पेड़ पर उन्होंने पूरी विधि के साथ जल अर्पण कर रक्षा सूत्र बांधा है.

वट सावित्री पूजा (ETV Bharat)

नवादा में सुहागिनों ने किया सोलह श्रृंगार:नवादा में सुहागिन महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन की कामना को लेकर आज वट सावित्री व्रत रखा है. इस मौके पर उन्होंने वट यानी बरगद के पेड़ के नीचे पूजा-अर्चना की. नवादा में विभिन्न जगहों पर मंदिरों एवं बरगद के पेड़ के पास इस व्रत और पूजा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं. सुबह से ही महिलाओं की भीड़ मंदिरों में लगी है. सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर पूरे आस्था के साथ वट सावित्री की पूजा में लीन नजर आई.

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Last Updated : Jun 6, 2024, 9:15 AM IST

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