वाराणसी :यदि बच्चे के गले में सूजन, खाना निगलने में दर्द, गले में खराश, आवाज बैठ रही है, नाक में झिल्ली बन रही है तो सावधान हो जाएं. यह लक्षण डिप्थीरिया (गलघोंटू) के हो सकते हैं. इस महामारी से बचने के लिए वाराणसी स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट किया है. जिसके तहत हर गांव में आशा कार्यकर्ता, एएनएम के जरिए बच्चों का टीकाकरण कराया जा रहा है.
डिप्थीरिया (गलघोंटू) संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण होती है. यह किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन बिना टीकाकरण वाले बच्चों में यह सबसे आम है. यह संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. इससे बचाव और बच्चों को डिप्थीरिया का टीका लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने अपील की है.
वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि डिप्थीरिया के कीटाणु, बच्चों की श्वसन नली को नुकसान पहुंचाता है. यह पूरे शरीर में फैल सकता है. सामान्य लक्षण बुखार, गले में खराश और गर्दन की ग्रंथियों में सूजन आदि हैं. जनपदवासियों से अपीलहै कि इस बीमार से बचाव के लिए बच्चों का समय पर टीका लगवाना सबसे ज्यादा जरूरी है. डिप्थीरिया का टीका पूरी तरह सुरक्षित है और शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. इस रोग से बचने के लिए जनसमुदाय को जागरूक किया जा रहा है. रोग के लक्षण आने पर तत्काल अपने गांव की आशा कार्यकर्ता, एएनएम और सीएचओ से सम्पर्क करें. साथ ही नजदीकी सरकारी चिकित्सालय से परामर्श एवं उपचार कराएं.
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी व एसीएमओ डॉ. एके मौर्या के मुताबिक गलघोंटू या डिप्थीरिया एक जीवाणु (कोराइन बैवेटरिया डिप्थीरिया) द्वारा फैलने वाला संक्रामक रोग है, जो आमतौर पर गले और टान्सिल को प्रभावित करता है. ऐसे बच्चे जिन्होंने डिप्थीरिया का टीकाकरण नहीं करवाया है, उन्हें यह रोग होने की सम्भावना अधिक रहती है. इसमें गले में एक ऐसी झिल्ली बन जाती है जो सांस लेने में रुकावट पैदा करती है. डिप्थीरिया के जीवाणु संक्रमित व्यक्ति के मुंह, नाक, गले में रहते हैं. यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने और छींकने से फैलता है.