उत्तरकाशी:गोफियारा के समीप वरूणावत पर्वत से मंगलवार देर रात को हुए भूस्खलन ने लोगों को 23 सितंबर 2003 की त्रासदी की याद दिला दी. लोग भूस्खलन की आवाज सुनकर सड़कों पर भाग रहे थे. तो वहीं हर कोई अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का प्रयास कर रहा था. इसके साथ ही कई लोगों ने रात में आनन-फानन में अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घरों में शरण ली. हालांकि, बुधवार सुबह लोग अपने घरों में लौट आए. बुधवार सुबह तक स्थिति समान्य हो गई. लेकिन लोग अभी भी घबराए हुए हैं.
वरुणावत पर्वत 2003 त्रासदी: वरुणावत पर्वत ने 21 साल बाद लोगों को फिर से डराया. बीते मंगवाल रात को अचानक वरुणावत पर्वत में आवासीय क्षेत्र के आसपास बोल्डर गिरे तो अफरा-तफरी मच गई. इस घटना ने वर्ष 2003 में हुए भूस्खलन की याद ताजा कर दी. वर्ष सितंबर 2003- वरुणावत भूस्खलन त्रासदी में कई बहुमंजिला होटल समेत 81 सरकारी और गैरसरकारी भवन ध्वस्त हो गए थे. हालांकि, उस समय यह घटना दिन में हुई थी. जिससे जानमाल का नुकसान नहीं हुआ. लेकिन एक माह तक वरुणावत पर्वत से लगातार बोल्डर गिरते रहे थे.