ETV Bharat / bharat

तिब्बत में आने से नहीं टला उत्तराखंड में भूकंप का खतरा! कभी भी डोल सकती है देवभूमि, पैटर्न बढ़ा रहा चिंताएं - EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND

तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड के भूकंप ने हिमालयी क्षेत्र में एहसास कराया खतरा,सालों से भूकंप के खतरों को नजदीक से महसूस करता आ रहा उत्तराखंड

Earthquake in Uttarakhand
उत्तराखंड में भूकंप का खतरा (फोटो- ETV Bharat GFX)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 10, 2025, 9:49 PM IST

रोहित कुमार सोनी, देहरादून: हिमालयी क्षेत्रों में आए दिन भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. हाल में ही यानी 7 जनवरी को तिब्बत में आए 7.1 मैग्नीट्यूड के भूकंप के बाद अब उत्तराखंड में भी आने की संभावना बनी हुई है. हिमालय क्षेत्र करीब 2,500 किलोमीटर लंबा और 150 किलोमीटर चौड़ा है. जिसे इंडो त्सांगपो जोन कहा जाता है. तिब्बत में भूकंप आने के बाद वैज्ञानिक इंडो त्सांगपो जोन में भूकंप आने के पैटर्न पर अध्ययन कर रहे हैं. ताकि, भूकंप की संभावना की जानकारी पता लगाई जा सके.

भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है हिमालयन रीजन: भूकंप की संवेदनशीलता के आधार पर हिमालयन रीजन को जोन 4 और 5 में रखा गया है. यानी पूरा हिमालयन बेल्ट भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है. जहां कभी भी भूकंप आ सकता है. ऐसे में तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आने के बाद भारत के संवेदनशील क्षेत्रों में भूकंप आने की चिंताओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है. ऐसे में वैज्ञानिकों ने हिमालयन क्षेत्र में पहले आए भूकंप के पैटर्न पर काम कर रहे हैं. ताकि, आने वाले भूकंप का अनुमान लगाया जा सके.

कभी भी डोल सकती है देवभूमि (वीडियो- ETV Bharat/File Footage)

फिलहाल, जो पैटर्न वैज्ञानिकों को मिला है, उसके अनुसार ग्रेटर भूकंप करीब 80 से 100 साल के बाद आता है तो वहीं 7 मैग्नीट्यूड का भूकंप 10 से 15 साल के अंतराल में रिपीट होता है, लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी फिलहाल ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है. जिसके जरिए यह पता लगाया जा सके कि कितने मैग्नीट्यूड का भूकंप कब और कहां पर आएगा?

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) से मिली जानकारी के अनुसार, तिब्बत में 7 जनवरी को भूकंप आने के बाद हिमालयन रीजन में 3 जगहों पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. जिसमें 125 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इसके साथ ही 7 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के मंडी में 3.4 मैग्नीट्यूड, 9 जनवरी को असम के उदलगुड़ी में 2.8 मैग्नीट्यूड और 10 जनवरी को उत्तराखंड के बागेश्वर में 2.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया है.

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
भूकंप की तीव्रता मापने का यंत्र (फोटो- ETV Bharat)

हिमालयन क्षेत्रों में क्यों आ रहा भूकंप? वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के भू वैज्ञानिक नरेश कुमार ने बताया कि हिमालयन क्षेत्रों में इंडियन और यूरेशियन प्लेट में घर्षण हो रहा है. साथ ही दोनों प्लेट एक दूसरे के विपरीत जा रही है. जिसके तहत इंडियन प्लेट नॉर्थ की तरह बढ़ रही है. जबकि, यूरेशियन प्लेट यानी तिब्बत प्लेट साउथ की तरफ बढ़ रही है. इन दोनों प्लेटों के घर्षण से एनर्जी उत्पन्न होती है. साथ ही भूगर्भ में मौजूद रॉक जब एनर्जी के प्रेशर को झेल नहीं पाती है तो रॉक टूट जाती है, जिसके चलते एनर्जी एक साथ बाहर निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं. भूकंप एक नेचुरल प्रोसेस है.

Wadia Institute of Himalayan Geology
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (फोटो- ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि तिब्बत में 7 जनवरी को जो भूकंप आई है, वो प्लेटों के बीच हो रहे घर्षण की वजह से ही हुई है. साथ ही बताया कि एक समय अंतराल के बाद भूकंप आते रहते हैं. जितने ज्यादा मैग्नीट्यूड का भूकंप आएगा तो उतने ज्यादा सालों के बाद भूकंप आने की संभावना रहती है. अगर किसी जगह पर ग्रेटर अर्थक्वेक यानी 8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आता है तो फिर करीब 80 से 100 साल के बाद ग्रेटर अर्थक्वेक आने की संभावना रहती है.

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
भूकंप की स्थिति (फोटो- ETV Bharat)

हिमालयन क्षेत्र में दोबारा भूकंप आने की संभावना: इसी तरह अगर 7 मैग्नीट्यूड का अर्थक्वेक आता है तो हिमालयन क्षेत्र में दोबारा भूकंप करीब 10 से 15 साल के अंतराल में दोबारा भूकंप आने की संभावना रहती है. एक अंतराल के बाद भूकंप किसी भी हिमालयन रीजन में आ सकती है. साथ ही बताया कि पूरा हिमालय ही जोन 4 और 5 में आता है. क्योंकि, हिमालय में किसी भी जगह भूकंप आ सकता है. ऐसे में उत्तराखंड रीजन में भी भूकंप आने की संभावना है, लेकिन उसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है कि कितने मैग्नीट्यूड का भूकंप कब और कहां आएगा?

स्लो भूकंप के जरिए भी रिलीज होती रहती है एनर्जी: डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि हिमालयन रीजन में जब भूकंप आते हैं तो भूगर्भ की एनर्जी निकलती है. साथ ही स्लो भूकंप के जरिए भी एनर्जी रिलीज होती रहती है. हालांकि, उत्तराखंड में भविष्य में भूकंप आएगा, लेकिन ये कहना बहुत मुश्किल है कि कब आएगा? क्योंकि अभी तक इतना डाटा नहीं है कि अनुमान लगाया जा सके कि कब आएगा?

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
हिमालयी रीजन में आए बड़े भूकंप की जानकारी (फोटो- ETV Bharat GFX)

उत्तराखंड में भूकंप आने की संभावना टली नहीं: इंडियन प्लेट नॉर्थ की तरफ धीरे-धीरे मूव कर रही है. करीब 2 से 3 सेंटीमीटर प्रति साल मूव कर रही है, लेकिन जब हिमालय में भूकंप आता है तो एनर्जी एक साथ कुछ सेकेंड में ही रिलीज हो जाती है. तिब्बत में भूकंप आने के बाद उत्तराखंड में भूकंप आने की संभावना टली नहीं है. क्योंकि, तिब्बत का भूकंप थोड़ा अलग था. हिमालय के नॉर्थ और तिब्बत के साउथ में नॉर्मल भूकंप आते रहते हैं, लेकिन हिमालय में जो भूकंप आते हैं, वो थ्रस्ट मेकेनिज्म से आते हैं.

हिमालयन रीजन में आए बड़े भूकंप

  1. साल 1975 में हिमातल प्रदेश के किन्नौर में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  2. साल 1991 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  3. साल 1999 में उत्तराखंड के चमोली में 6.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  4. साल 2005 में कश्मीर में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  5. साल 2011 में सिक्किम में 6.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  6. साल 2015 में नेपाल में 7.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  7. साल 2025 में तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.

भूकंप से जुड़ी खबरें पढ़ें-

रोहित कुमार सोनी, देहरादून: हिमालयी क्षेत्रों में आए दिन भूकंप के झटके महसूस होते रहते हैं. हाल में ही यानी 7 जनवरी को तिब्बत में आए 7.1 मैग्नीट्यूड के भूकंप के बाद अब उत्तराखंड में भी आने की संभावना बनी हुई है. हिमालय क्षेत्र करीब 2,500 किलोमीटर लंबा और 150 किलोमीटर चौड़ा है. जिसे इंडो त्सांगपो जोन कहा जाता है. तिब्बत में भूकंप आने के बाद वैज्ञानिक इंडो त्सांगपो जोन में भूकंप आने के पैटर्न पर अध्ययन कर रहे हैं. ताकि, भूकंप की संभावना की जानकारी पता लगाई जा सके.

भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है हिमालयन रीजन: भूकंप की संवेदनशीलता के आधार पर हिमालयन रीजन को जोन 4 और 5 में रखा गया है. यानी पूरा हिमालयन बेल्ट भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है. जहां कभी भी भूकंप आ सकता है. ऐसे में तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आने के बाद भारत के संवेदनशील क्षेत्रों में भूकंप आने की चिंताओं को और ज्यादा बढ़ा दिया है. ऐसे में वैज्ञानिकों ने हिमालयन क्षेत्र में पहले आए भूकंप के पैटर्न पर काम कर रहे हैं. ताकि, आने वाले भूकंप का अनुमान लगाया जा सके.

कभी भी डोल सकती है देवभूमि (वीडियो- ETV Bharat/File Footage)

फिलहाल, जो पैटर्न वैज्ञानिकों को मिला है, उसके अनुसार ग्रेटर भूकंप करीब 80 से 100 साल के बाद आता है तो वहीं 7 मैग्नीट्यूड का भूकंप 10 से 15 साल के अंतराल में रिपीट होता है, लेकिन वैज्ञानिकों के पास अभी फिलहाल ऐसा कोई मैकेनिज्म नहीं है. जिसके जरिए यह पता लगाया जा सके कि कितने मैग्नीट्यूड का भूकंप कब और कहां पर आएगा?

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (National Center for Seismology) से मिली जानकारी के अनुसार, तिब्बत में 7 जनवरी को भूकंप आने के बाद हिमालयन रीजन में 3 जगहों पर भूकंप के झटके महसूस हुए हैं. जिसमें 125 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इसके साथ ही 7 जनवरी को हिमाचल प्रदेश के मंडी में 3.4 मैग्नीट्यूड, 9 जनवरी को असम के उदलगुड़ी में 2.8 मैग्नीट्यूड और 10 जनवरी को उत्तराखंड के बागेश्वर में 2.2 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया है.

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
भूकंप की तीव्रता मापने का यंत्र (फोटो- ETV Bharat)

हिमालयन क्षेत्रों में क्यों आ रहा भूकंप? वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के भू वैज्ञानिक नरेश कुमार ने बताया कि हिमालयन क्षेत्रों में इंडियन और यूरेशियन प्लेट में घर्षण हो रहा है. साथ ही दोनों प्लेट एक दूसरे के विपरीत जा रही है. जिसके तहत इंडियन प्लेट नॉर्थ की तरह बढ़ रही है. जबकि, यूरेशियन प्लेट यानी तिब्बत प्लेट साउथ की तरफ बढ़ रही है. इन दोनों प्लेटों के घर्षण से एनर्जी उत्पन्न होती है. साथ ही भूगर्भ में मौजूद रॉक जब एनर्जी के प्रेशर को झेल नहीं पाती है तो रॉक टूट जाती है, जिसके चलते एनर्जी एक साथ बाहर निकलती है, जिसे भूकंप कहते हैं. भूकंप एक नेचुरल प्रोसेस है.

Wadia Institute of Himalayan Geology
वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (फोटो- ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि तिब्बत में 7 जनवरी को जो भूकंप आई है, वो प्लेटों के बीच हो रहे घर्षण की वजह से ही हुई है. साथ ही बताया कि एक समय अंतराल के बाद भूकंप आते रहते हैं. जितने ज्यादा मैग्नीट्यूड का भूकंप आएगा तो उतने ज्यादा सालों के बाद भूकंप आने की संभावना रहती है. अगर किसी जगह पर ग्रेटर अर्थक्वेक यानी 8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आता है तो फिर करीब 80 से 100 साल के बाद ग्रेटर अर्थक्वेक आने की संभावना रहती है.

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
भूकंप की स्थिति (फोटो- ETV Bharat)

हिमालयन क्षेत्र में दोबारा भूकंप आने की संभावना: इसी तरह अगर 7 मैग्नीट्यूड का अर्थक्वेक आता है तो हिमालयन क्षेत्र में दोबारा भूकंप करीब 10 से 15 साल के अंतराल में दोबारा भूकंप आने की संभावना रहती है. एक अंतराल के बाद भूकंप किसी भी हिमालयन रीजन में आ सकती है. साथ ही बताया कि पूरा हिमालय ही जोन 4 और 5 में आता है. क्योंकि, हिमालय में किसी भी जगह भूकंप आ सकता है. ऐसे में उत्तराखंड रीजन में भी भूकंप आने की संभावना है, लेकिन उसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है कि कितने मैग्नीट्यूड का भूकंप कब और कहां आएगा?

स्लो भूकंप के जरिए भी रिलीज होती रहती है एनर्जी: डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि हिमालयन रीजन में जब भूकंप आते हैं तो भूगर्भ की एनर्जी निकलती है. साथ ही स्लो भूकंप के जरिए भी एनर्जी रिलीज होती रहती है. हालांकि, उत्तराखंड में भविष्य में भूकंप आएगा, लेकिन ये कहना बहुत मुश्किल है कि कब आएगा? क्योंकि अभी तक इतना डाटा नहीं है कि अनुमान लगाया जा सके कि कब आएगा?

EARTHQUAKE IN UTTARAKHAND
हिमालयी रीजन में आए बड़े भूकंप की जानकारी (फोटो- ETV Bharat GFX)

उत्तराखंड में भूकंप आने की संभावना टली नहीं: इंडियन प्लेट नॉर्थ की तरफ धीरे-धीरे मूव कर रही है. करीब 2 से 3 सेंटीमीटर प्रति साल मूव कर रही है, लेकिन जब हिमालय में भूकंप आता है तो एनर्जी एक साथ कुछ सेकेंड में ही रिलीज हो जाती है. तिब्बत में भूकंप आने के बाद उत्तराखंड में भूकंप आने की संभावना टली नहीं है. क्योंकि, तिब्बत का भूकंप थोड़ा अलग था. हिमालय के नॉर्थ और तिब्बत के साउथ में नॉर्मल भूकंप आते रहते हैं, लेकिन हिमालय में जो भूकंप आते हैं, वो थ्रस्ट मेकेनिज्म से आते हैं.

हिमालयन रीजन में आए बड़े भूकंप

  1. साल 1975 में हिमातल प्रदेश के किन्नौर में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  2. साल 1991 में उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 6.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  3. साल 1999 में उत्तराखंड के चमोली में 6.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  4. साल 2005 में कश्मीर में 7.6 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  5. साल 2011 में सिक्किम में 6.9 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  6. साल 2015 में नेपाल में 7.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.
  7. साल 2025 में तिब्बत में 7.1 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया था.

भूकंप से जुड़ी खबरें पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.