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लोकसभा चुनाव को लेकर पुलिस-प्रशासन सतर्क, यूपी-उत्तराखंड और हिमाचल के पुलिस अधिकारियों की हुई अहम बैठक - लोकसभा चुनाव 2024

Lok sabha election 2024 लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल के पुलिस अधिकारियों की आज महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस दौरान राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था करने और चुनाव को पारदर्शी बनाने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 9, 2024, 4:03 PM IST

देहरादून:लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए आज सीमावर्ती राज्य उत्तरप्रदेश और हिमाचल प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के साथ उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई. मीटिंग में सीमावर्ती जिलों के प्रभारियों और विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारी पर चर्चा हुई. इसके अलावा चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप से कराए जाने के साथ-साथ निर्वाचन आयोग के निर्देशों का पालन करने के लिए राज्यों के बीच बेहतर समन्वय पर भी बातचीत की गई.

सभी राज्यों की पुलिस एक -दूसरे का करे सहयोग:साथ ही यह स्पष्ट किया गया कि चुनाव प्रक्रिया में सभी राज्यों की पुलिस आपस में समन्वय के साथ एक दूसरे को सहयोग करे, ताकि चुनाव को निष्पक्ष कराया जा सके. इस दौरान पुलिस उपमहानिरीक्षक अपराध रेणुका देवी ने एक प्रस्तुतीकरण भी पेश किया. जिसमें उत्तराखंड के सीमावर्ती राज्यों के साथ लगी सीमाओं की जानकारी देते हुए बॉर्डर चेक पोस्ट, फोर्स की तैनाती, सीसीटीवी कैमरा और संवेदनशील मार्गों की जानकारी दी गई.

पुलिसकर्मी बनाएं आपसी समन्वय:बैठक में पुलिसकर्मियों द्वारा आपसी समन्वय रखने, सीसीटीवी कैमरा लगाने और संयुक्त चेकिंग करने के साथ-साथ समन्वय के साथ फोर्स की तैनाती और सूचनाओं के आदान-प्रदान पर भी बातचीत की गई. उधर सीमावर्ती जिलों के अपराधियों और सामाजिक तत्वों की सूची भी साझा करने और इस पर निरोधात्मक कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया. चुनाव के दौरान अवैध रूप से शराब शस्त्र या कैश की तस्करी को रोकने के लिए भी संयुक्त रणनीति बनाने पर जोर दिया गया.

सोशल मीडिया पर निगरानी की जरूरत:निर्वाचन के दौरान सांप्रदायिक तनाव और दुष्प्रचार फैलाने वाले लोगों को चिन्हित करने के लिए सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखने की बात की गई. सीमावर्ती क्षेत्रों में पैदल पेट्रोलियम के साथ ही ड्रोन का उपयोग किए जाने की जरूरत महसूस की गई. इसके अलावा वंचित इनामी अपराधियों की सूची को भी साझा करने का निर्णय लिया गया है.

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