देहरादूनः देश दुनिया में तेजी से बढ़ रहे नशे के कारोबार पर लगाम लगाए जाने को लेकर केंद्र और राज्य सरकार लगातार पहल कर रही है. इसके लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है, ताकि उत्तराखंड समेत देश को ड्रग्स फ्री किया जा सके. इसी क्रम में शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में 'मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा' विषय को लेकर सम्मेलन का आयोजन किया गया. आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल प्रतिभाग किया.
सम्मेलन में सीएम धामी ने उत्तराखंड में मादक पदार्थों की रोकथाम के संबंध में की गई प्रवर्तन कार्रवाई, विशेष अभियानों और लक्ष्यों की जानकारी दी. साथ ही कहा कि साल 2025 तक ड्रग्स फ्री उत्तराखंड के अपने संकल्प पर राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है. साल 2047 तक विकसित भारत और नशामुक्त भारत बनाने में सहयोग करने के लिए राज्य में तमाम स्तरों से लगातार प्रयास कर रहा है.
LIVE: आदरणीय गृह मंत्री श्री @AmitShah जी नई दिल्ली में “मादक पदार्थों की तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा” पर आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में विचार रखते हुए https://t.co/IiZWYMZcL1
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 11, 2025
उन्होंने कहा कि, मादक पदार्थ तस्करी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों विषय आपस में जुड़े हुए हैं. युवाओं का नशे की ओर जाना न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा बल्कि सामाजिक पतन का भी कारण बन सकता है. जिसको देखते हुए राज्य में संस्थागत, प्रवर्तन और जागरूकता तीनों स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं. मादक पदार्थों की तस्करी और इसके अवैध व्यापार में लगे हुए पेशेवर अपराधियों पर शक्ति से नकेल कसी जा रही है. एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) के जरिए प्रवर्तन की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ, अधिनियम) के तहत नशे में संलिप्त अपराधियों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है. साथ ही नशे की जद में आए हुए लोगों को मुख्यधारा में वापस लाने के लिए जिलों में पुनर्वास केंद्रों की स्थापना की गई है.
सीएम ने कहा कि जागरूकता अभियान के तहत महिला मंगल दलों और युवा मंगल दलों को भी साथ लेते हुए विशेष जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. दुरुस्त क्षेत्रों तक जन-जागरूकता शिविर लगाए जा रहे हैं. कारागारों और विद्यालयों में काउंसलरों की नियुक्ति की गई है. टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है. पिछले साल 2183 जागरूकता रैली, 1050 गोष्ठियां, 75 नुक्कड़ नाटक और 10 मैराथन का आयोजन किया गया. जिसके जरिए तीन लाख से अधिक छात्र-छात्राओं और लोगों को सीधे तौर पर जागरूक किया गया. सरकार, विभागों और विभिन्न संस्थाओं के संस्थागत और व्यक्तिगत दोनों तरह के प्रयासों और समन्वय से नशामुक्ति के खिलाफ वर्तमान समय में भी लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.