देहरादून (किरनकांत शर्मा) : उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन के अलावा साहसिक पर्यटन भी साल भर चलता है. बीते कुछ सालों में उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है. कुछ समय की बचत चाहते हैं, तो कोई पहाड़ों पर सफर करने से आज भी डरते हैं. ऐसे में उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालु कम समय में और हवाई मार्ग से कई जगहों पर पहुंच सकते हैं. बीते कुछ सालों में राज्य भर में हेली सर्विस की सेवाओं में इजाफा हुआ है.
यमुनोत्री और गंगोत्री के लिए मिलेगी हवाई सेवा: उत्तराखंड चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ के लिए श्रद्धालुओं को हवाई सेवाएं मिलती हैं, जबकि कुछ श्रद्धालु गौचर से बदरीनाथ और सोनप्रयाग गुप्तकाशी से केदारनाथ तक हवाई यात्रा करते हैं. अब पहली बार श्रद्धालुओं को गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए भी हेली सेवाएं मिलेगी. गंगोत्री धाम में पहले से ही हेलीपैड बनकर तैयार है. यमुनोत्री में यात्रा शुरू होने से पहले हेलीपैड तैयार किया जा रहा है.
गंगोत्री में हेलीपैड बनकर तैयार: उत्तरकाशी डीएम मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया यमुनोत्री धाम में बनने वाला हेलीपैड का काम लगभग पूरा हो गया है. हम इस हेलीपैड को यात्रियों के लिए और आपदा के समय इस्तेमाल करेंगे. उम्मीद है कि आने वाली यात्रा में यहां तक पहुंचाने के लिए श्रद्धालुओं को हेली सर्विस मिल जाएगी, जबकि गंगोत्री में पहले ही हमने हेलीपैड बनाकर तैयार कर दिया है. उन्होंने कहा बदरीनाथ और केदारनाथ की तरह ही गंगोत्री और यमुनोत्री में हेलीपैड बनने से श्रद्धालुओं को कम समय में यात्रा का लाभ मिलेगा.
अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के धार्मिक दर्शन भी होंगे आसान-
- कुमाऊं में भी लगातार हेली सेवाओं को बेहतर किया जा रहा है.
- अल्मोड़ा के गोल्जू देवता या फिर जागेश्वर धाम के लिए हवाई सेवाएं शुरू हुई है.
- पंतनगर एयरपोर्ट और पिथौरागढ़ से श्रद्धालुओं को हेलीकॉप्टर की सर्विस मिलेगी.
- यात्री पंतनगर से पिथौरागढ़ भी हवाई सेवाएं ले सकते हैं. धारा हेलीपैड से भी इन दोनों शहरों के लिए हवाई सेवाएं चल रही हैं.
- कम समय में अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ के साथ-साथ चंपावत और मुनस्यारी जैसी जगहों पर भी भ्रमण कर सकते हैं.
- पिथौरागढ़ से सुबह 10 बजे अल्मोड़ा के लिए एक हेली सेवा है.
- अल्मोड़ा से सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर पिथौरागढ़ के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान भर रहे हैं.
- पिथौरागढ़ से दोपहर 1 बजकर 40 मिनट पर फ्लाइट है.
- वहीं, अल्मोड़ा से वही चॉपर वापस 2 बजकर 5 मिनट पर रवाना हो रहा है.
हर्षिल, मसूरी और नैनीताल में भी हवाई सेवा: उत्तरकाशी की हर्षिल घाटी के लिए भी हवाई सेवाएं लगातार चल रही हैं. दिन में दो बार देहरादून से उत्तरकाशी के लिए कॉपर उड़ान भर रहा है. इसी तरह से मसूरी और नैनीताल की खूबसूरत वादियों को भी हेलिकॉप्टर से पर्यटक निहार सकते हैं. देहरादून से मसूरी और मसूरी से हिमालय दर्शन के लिए हवाई सेवा पहले से ही संचालित हो रही है. इस सेवा के माध्यम से मसूरी से हिमालय और देहरादून से मसूरी भी हवाई मार्ग से जा सकते हैं. हालांकि दोनों के बीच की दूरी अधिक नहीं है, लेकिन समय और रोमांच भरा ये सफर आपके लिए यादगार हो सकता है. इसके अलावा नैनीताल के लिए भी हवाई सेवाएं शुरू होने जा रही हैं. देहरादून से नैनीताल और देहरादून से बागेश्वर के लिए हवाई सेवा जल्द शुरू होने वाली है.
नीब करौरी में भी हवाई सेवा: श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बाबा नीब करौरी धाम में भी हवाई सेवाएं जल्द शुरू हो सकती हैं. इसके लिए स्थानीय प्रशासन ने जगह का भी चयन कर लिया है और कई दफा चॉपर का ट्रायल भी सफल हो चुका है. अब सरकारी अस्पताल से NOC का इंतजार किया जा रहा है. उम्मीद है कि साल 2025 में देहरादून और पंतनगर से हवाई सेवाएं यहां के लिए भी शुरू होगी.
इन जगहों पर जगह शुरू होगी हवाई सेवा: उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण सीईओ सोनिका ने बताया हम लगातार उत्तराखंड में हवाई कनेक्टिविटी की बेहतरी के लिए काम कर रहे हैं. हमने गढ़वाल और कुमाऊं की दूरी को बीते कुछ महीनों में बेहद कम कर दिया है. देहरादून से कुमाऊं के लिए और कुमाऊं से देहरादून के लिए हमारे यहां पहले से ही हवाई सेवाएं चल रही हैं. अब हम चाहते हैं कि पर्यटक अन्य जगहों पर भी हवाई सेवा का लाभ ले सकें, इसके लिए गंगोत्री-यमुनोत्री के अलावा अन्य जगहों पर भी हवाई सेवाएं शुरू की जा रही है. उन्होंने कहा बहुत जल्द ही कुछ नई जगह पर आप यह प्रयोग देखेंगे. बनाए जा रहे हेलीपैड पर्यटन के साथ-साथ विशेष परिस्थितियों में भी काम आएंगे.
ये भी पढ़ें-