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व्हाट्सएप से APK फाइल भेज कर करते थे लाखों की ठगी, कानपुर पुलिस ने चार को किया गिरफ्तार - Cyber ​​Fraud in Kanpur

कानपुर पुलिस ने साइबर फ्राॅड करने वाले चार शातिरों (Cyber ​​Fraud in Kanpur) को गिरफ्तार किया है. चारों आरोपी जामताड़ा झारखंड के रहने वाले हैं.

साइबर फ्राॅड के आरोपी.
साइबर फ्राॅड के आरोपी. (Photo Credit: ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 6, 2024, 10:37 PM IST

कानपुर : कानपुर साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने यूपी के अलग-अलग जिलों में ग्रीन गैस व इंद्रप्रस्थ गैस कनेक्शन धारक और इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन धारकों से ठगी की घटना को अंजाम देने वाले चार शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है. चारों आरोपी व्हाट्सएप से APK फाइल भेज कर ठगी की घटना को अंजाम देते थे. डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने घटना का खुलासा किया है.

डीसीपी ने बताया कि बीती 17 जुलाई को रविंद्र सिंह नेगी निवासी नवीन नगर के द्वारा साइबर थाने में 48 हजार 332 रुपये की ठगी होने पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. क्राइम ब्रांच ने एडीसीपी क्राइम मनीष सोनकर, एसीपी क्राइम मोहम्मद मोहसिन खान की टीमें लगाई गई थीं. मंगलवार को साइबर क्राइम पुलिस ने चार अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया. पकड़े गए अभियुक्तों के पास से 12 मोबाइल फोन, फर्जी आईडी के प्रीपेड एक्टिवेट सिम कार्ड बरामद हुए हैं. पकड़े गए चारों अभियुक्त जामताड़ा झारखंड के रहने वाले हैं.

आरोपी देश स्तर पर विभिन्न प्रदेशों उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक के रहने वाले आम लोगों जिन्होंने ग्रीन गैस, इंद्रप्रस्थ गैस व इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन ले रखा है. उनके मोबाइल नंबर पर व्हाट्सएप मैसेज के जरिए विशेष रूप से बनाई गई एक APK फाइल को भेजते थे. फिर उसके माध्यम से महत्वपूर्ण डाटा लेकर बैंक खातों से ऑनलाइन बैंकिंग तथा पेमेंट वॉलेट के जरिए उनके सारे रुपये धोखाधड़ी कर निकाल लेते थे.


इन राज्यों के एटीएम से निकालते थे पैसा : डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव के अनुसार अभियुक्त ठगी से प्राप्त रुपयों को बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम स्थित विभिन्न एटीएम से निकाल लेते थे. साथ ही वह गिरोह से जुड़े अपने अन्य साथियों की मदद से इलेक्ट्रिसिटी बिल, मोबाइल रिचार्ज और पेट्रोल पंप पर धोखाधड़ी के रुपयों को ट्रांसफर कर के करीब 70% भुगतान कैश में प्राप्त करते थे. फिर उस पैसे का आपस में बंटवारा कर लेते थे. उनकी लोकेशन ट्रैक न हो सके इसलिए मधुबनी बिहार में किराए का कमरा लेकर लेते थे. इसी तरह वह हर हफ्ते अलग-अलग स्थान पर होटल में कमरा लेकर विशेष रूप से दरभंगा, सिलीगुड़ी, दार्जिलिंग गंगोतक में रहते थे. डीसीपी क्राइम आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि चारों शातिर ठगों की पहचान भारत कुमार मंडल, सनोज मंडल, दीपक मंडल, कृष्ण कुमार मंडल के रूप में हुई है.

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