गिरिडीह: पचम्बा थाना इलाके के लखारी स्थित नर्सिंग होम में एक प्रसूता और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई. इस घटना के बाद परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया. घटना की सूचना पर पचम्बा थाना इंस्पेक्टर मंटू कुमार, सहायक अवर निरीक्षक जितेंद्र सिंह के अलावा नवीन चौरसिया, महेशलुंडी मुखिया शिवनाथ साव अस्पताल पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया. पुलिस ने लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन मृतक के परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते रहे.
क्या हैं पूरा मामला
दरअसल, जमुआ थाना क्षेत्र के बिरनी प्रखंड के द्वारपहरी के रहने वाले मो. सुल्तान अंसारी की पत्नी जैबा तबस्सुम (22 वर्ष) को प्रसव पीड़ा हुआ. इस पीड़ा में उसे पहले सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसके बाद सोमवार को जैबा तबस्सुम को क्रेसेंट में भर्ती करवाया गया. मृतक के परिजनों के मुताबिक सोमवार की सुबह करीब 11 बजे भर्ती कराने के बाद चिकित्सक ने ऑपरेशन किया. ऑपरेशन के दरमियान बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद प्रसूता ने भी दम तोड़ दिया. परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण बच्चे और महिला की मौत हो गई.
गलत आरोप लगा रहे हैं परिजन: डॉक्टर
इधर, चिकित्सक डॉ बरनाबस हेमब्रोम ने कहा कि लापरवाही का आरोप गलत है. उनका कहना है कि मेरे अस्पताल में आने से पहले महिला को सदर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां तबीयत जब ज्यादा बिगड़ गई तो महिला को उसकी बहन ने ही मेरे नर्सिंग होम में भर्ती करवाया. यहां भर्ती होने से पहले ही महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो चुकी थी. भर्ती होने के बाद इसकी जानकारी भी परिजनों को दे दी गई थी. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि महिला को बाहर ले जाए. लेकिन मृतका की बहन ने कहा कि बच्चा पेट में मर चुका हैं, दुर्गन्ध आ रही हैं. ऐसे में अपना कर्तव्य समझते हुए डॉक्टर ने सर्जरी की, लेकिन दुर्भाग्य हैं कि महिला की मौत हो गई.