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यूपी रोडवेज बसों के फास्टैग हैक होने की जांच शुरू, बैंक के खिलाफ FIR दर्ज कराने की तैयारी - UPSRTC FASTAG HACK - UPSRTC FASTAG HACK

रोडवेज बसों के फास्टैग हैक होने की जांच उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और एनएचएआई ने मिलकर शुरू कर दी है. इसके साथ ही स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर एफआईआर भी दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है.

यूपी रोडवेज बसों के फास्टैग हैक.
यूपी रोडवेज बसों के फास्टैग हैक. (Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 24, 2024, 8:20 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में फास्टैग हैक होने से परिवहन निगम के अधिकारियों में खलबली मची हुई है. टोल प्लाजा पर फास्टैग से पेमेंट न कटने पर निगम को दोहरा नुकसान उठाना पड़ा है. इन बसों से टोल प्लाजा को डबल पेमेंट करना पड़ा. अनुमान लगाया जा रहा है कि परिवहन निगम को इससे करीब एक लाख रुपये का नुकसान हुआ है. फास्टैग हैक होने की परिवहन निगम के अफसरों ने जांच शुरू कर दी है. एनएचएआई से भी शिकायत दर्ज कराई है.


दरअसल, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के झांसी, प्रयागराज और कानपुर रीजन की बसों का फास्टैग सोमवार को किसी ने हैक कर लिया. इसके बाद अलग-अलग टोल प्लाजा पर इन अलग-अलग रीजन की करीब 20 बसों को टोल टैक्स चुकाना पड़ा. जबकि ग्लोबल वॉलेट में हर रोज परिवहन निगम एक करोड़ से लेकर दो करोड़ रुपए तक भुगतान करता है. जिससे उत्तर प्रदेश की साढ़े 11 हजार से ज्यादा बसों का टोल टैक्स पर फास्टैग से टोल कटता है. सोमवार को जब बसें टोल टैक्स से गुजरी तो पता चला कि फास्टैग में बैलेंस ही नहीं है. इसके बाद जब अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई तो उन्हें पसीना आ गया. जानकारी जुटाई गई तो पता चला कि फास्टैग हैक करने की कोशिश की गई. गनीमत ये रही कि सिर्फ 20 बसों में ही ऐसा किया गया.

फास्टैग हैक होने की जानकारी के बाद मंगलवार को परिवहन निगम के अधिकारियों ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से शिकायत दर्ज कराई. इसके अलावा सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (वित्त) राजकुमार निगम एनएचएआई के अधिकारियों के साथ भी टोल प्लाजा पर फास्टैग से बैलेंस न कटने को लेकर जांच करने पहुंचे. परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराने की तैयारी है.

गौरतलब है कि परिवहन निगम की बसों में जो फास्टैग लगे हैं, उसके लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और एक्सिस बैंक के बैलेंस से पेमेंट होता है. दोनों ही बैंकों के ग्लोबल वॉलेट हैं, जिसमें परिवहन निगम के खाते से एक से लेकर दो करोड़ रुपए तक का पेमेंट रहता है. परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि जिन 20 बसों में फास्टैग से पेमेंट न होने की जानकारी आई है और उसके बदले में टोल प्लाजा पर डबल पेमेंट करना पड़ा. इससे करीब एक लाख रुपए के नुकसान की आशंका जताई जा रही है.

परिवहन निगम के अधिकारियों को आशंका है कि बसों का फास्टैग किसी ने दूसरे वाहनों पर ट्रांसफर कर लिया होगा. इसीलिए बसों के फास्टैग बंद हो गए होंगे. यह टोल प्लाजा के कर्मचारियों की भी हरकत हो सकती है, क्योंकि इससे उन्हें डबल पेमेंट मिला होगा. फास्टैग न लगे होने पर बस चालक ने पेमेंट किया होगा. हर फास्टैग के लिए तो अलग से निगम की तरफ से पेमेंट होता ही है. पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है.


बसों के फास्टैग हैक होने की जानकारी सामने आने के बाद अब इसकी गंभीरता से जांच की जा रही है. नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया से भी शिकायत दर्ज की गई है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को भी अवगत कराया गया है. बैंक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की भी तैयारी है. -अजीत सिंह, प्रधान प्रबंधक और प्रवक्ता, परिवहन निगम


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