लखनऊःउत्त्तर प्रदेश आरक्षी पुलिस भर्ती परीक्षा के पहले दिन का पेपर समाप्त होने के बाद अभ्यर्थियों का हुजूम चारबाग व जंक्शन रेलवे स्टेशनों पर उमड़ा. पूर्वांचल और बिहार की तरफ जाने वाली दर्जनभर ट्रेनों में अभ्यर्थियों का कब्जा रहा. ट्रेनों का हाल तो यह था कि स्लीपर से लेकर एसी बोगियों तथा लगेज कोच से लेकर महिला बोगियों तक में अभ्यर्थियों का बोलबाला रहा. आरपीएफ-जीआरपी व्यवस्थाएं संभालने में लगी रहीं पर प्रयास नाकाफी साबित हुए. इतना ही नहीं रिजर्वेशन पर सफर करने वाले पैसेंजरों की सीटों पर भी काबिज हो गए. परीक्षार्थियों ने महिला बोगियों तक में कब्जा कर लिया था. स्थिति यह रही कि महिला बोगियों में महिलाओं को ही प्रवेश नहीं मिल सका. महिलाएं गुहार लगाती रहीं, पर भीड़ में उनकी आवाज दबकर रह गई. आरपीएफ की मदद से कई महिलाओं को कोच में बैठने की जगह मिल पाई.
चारबाग रेलवे स्टेशन पर हेल्पडेस्क बनाई गई थी, जहां परीक्षार्थियों की भीड़ रही. परीक्षार्थियों ने सवालों की झड़ी लगा दी, जिनके जवाब देने में कर्मचारियों के पसीने छूट गए. रेलकर्मियों ने कड़ी मशक्कत कर परीक्षार्थियों की सहायता की. ट्रेन के आने का समय, प्लेटफॉर्म, बोगियों की स्थिति, टिकटिंग काउंटर आदि की जानकारी परीक्षार्थी पूछते नजर आए. ट्रेनों की स्लीपर बोगियों से लेकर रिजर्वेशन बोगियों तक में परीक्षार्थियों का कब्जा रहा. वहीं रोडवेज बसों की बेहतर व्यवस्था परीक्षार्थियों को मुहैरा कराने के लिए ढेरों बैठकें बुलाई गईं. इस बैठक में चारबाग, आलमबाग, अवध और कैसरबाग बस डिपो के एआरएम और सेवा प्रबंधक रहे. क्षेत्रीय प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने जो भी दिशा निर्देश अपने अफसरों को दिए थे, उन्होंने इस दिशा में कोई काम नहीं किया. लिहाजा बसों की नि:शुल्क सुविधा से काफी संख्या में परीक्षार्थी वंचित रह गए. इस लिहाज से रोडवेज बसों की व्यवस्था परीक्षार्थियों की भीड़ के आगे नाकाफी दिखी. लखनऊ के चार बस अड्डों से करीब 530 बसें चलाई गईं. लेकिन सभी बस अड्डों पर परीक्षार्थियों की भीड़ के आगे बसें बौनी साबित हुईं.