कानपुर: समय-समय पर ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (ओईएफ) की ओर से देश के सैनिकों के लिए हिमक्लोज ग्लव्स, टेंट समेत अन्य आरामदायक उत्पाद तैयार किए जाते हैं. ठीक उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अब ओईएफ की ओर से मार्च 2026 तक देश के सैनिकों को 7 लाख जोड़ी जूते भेजे जाएंगे. यह जूते ओईएफ में जल्द बनने शुरू हो जाएंगे. इसके लिए आर्मी की ओर से ओईएफ को आर्डर मिल गए हैं.
ओईएफ की ओर से परीक्षण के लिए जो जूते तैयार किए गए थे, वह सैनिकों के लिए मानकों पर पूरी तरह से खरे उतरे हैं. सबसे खास बात यह है कि ये जूते 1400 ग्राम वजन के होंगे और पानी में न खराब होंगे और ना ही फिसलेंगे. ओईएफ को 2.85 लाख ये हाई एंकल बूट तैयार करने का ऑर्डर मिल गया है.
ओईएफ के जीएम अनिल रंगा ने बताया कि इन सभी बूटों को तय समय पर तैयार करके आर्मी को सौंपेंगे. एक समय ओईएफ में साल 2021 तक बूट प्लांट पूरी तरह से ठप था. हालांकि, जब उन्होंने कार्यभार संभाला तो बूट प्लांट का संचालन शुरू कराया और फिर आर्मी से सात लाख जोड़ी बूट के आर्डर्स साल 2025 तक के लिए मिल गए. जल्द ही ओईएफ में दो इंजेक्शन बोल्डिंग मशीनें भी संचालित होंगी, जो बूट तैयार करने में कर्मियों के लिए बहुत अधिक मददगार साबित होंगी.
अनिल रंगा ने बताया कि इसी साल 2025 में ओईएफ में सैनिकों के लिए अब तक के सबसे हल्के वजन के बूट तैयार किए जाएंगे. बूट की डिजाइन तैयार कर ली गई है. अगर अभी तक सैनिक औसतन एक किलोग्राम वजन का बूट पहनते हैं, तो नए बूट का वजन लगभग इसका आधा होगा, जो बूट ओईएफ में बनेगा, देश के सैनिक वही बूट पहनेंगे.
ओईएफ में तैयार होने वाले बूट की खासियतें
- उच्च गुणवत्ता वाले चमड़े का उपयोग किया गया है.
- कितना भी पानी पड़ जाए पर बूट खराब नहीं होगा.
- बूट में ग्रेन क्रोम टैन्ड लेदर का प्रयोग किया गया है.
- फिसलन वाले स्थानों पर भी पैरों से नहीं डिगेगा.
- बूट का वजन लगभग 1400 ग्राम के बराबर है.
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