संभल/लखनऊ: अप्रवासी भारतीयों के अपमान को लेकर आजाद अधिकार सेना ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला फूंका. एसडीएम और सीओ कार्यालय के बाहर अमेरिकी राष्ट्रपति के पुतले को जूते की माला पहनाने के बाद पुतला दहन कर नारेबाजी की. इसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. वहीं, लखनऊ में मुलायम सिंह यूथ बिग्रेड के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने पुतला फूंककर नारेबाजी की.
आपको बता दें कि सोमवार को आजाद अधिकार सेना से जुड़े तमाम कार्यकर्ताओं ने मुरादाबाद रोड स्थित एसडीएम और सीओ कार्यालय के बाहर अमेरिकी राष्ट्रपति के पुतले को आग के हवाले कर दिया. इससे पूर्व कार्यकर्ताओं ने डोनाल्ड ट्रंप के पुतले को जूते की माला पहनाई और फिर इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उनके पुतले को आग लगा दी. सूचना पर CO अनुज चौधरी दलबल के साथ मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों को हिरासत लिया.
आजाद अधिकार सेना से जुड़े खिजर गोस ने बताया, आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर के निर्देशानुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पुतला फूंका गया. दूसरे मुल्कों की सरकार ने अपने प्रवासियों के लिए अपना विमान भेज कर मंगाया, लेकिन अफसोस हमारे प्रधानमंत्री ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. इसके चलते भारत के प्रवासियों को नजरबंद ओर दुर्व्यवहार करके भेजा गया. यह प्रत्येक भारतीय के लिए दुख की बात है. हमारी मांग है केंद्र सरकार अमेरिका के साथ अपना आयात निर्यात बंद करे.
लखनऊ में भी विरोध प्रदर्शनः यूपी की राजनीति में मिल्कीपुर उपचुनाव के बाद सरगर्मी बढ़ गई है. 60 हजार से ज्यादा वोटों से हारने के बाद समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग पर हल्ला बोल दिया है. पहले 'चुनाव आयोग मुर्दा हो गया' के पोस्टर लगे. वहीं, सोमवार को सपाइयों ने इलेक्शन कमीशन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए पुतला फूंका. इस दौरान प्रतीकात्मक पुतले को पैरों से रौंदा गया और भाजपा के पक्ष में काम करने का आरोप लगाकर पुतला जलाया. मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के पूर्व सचिव राम सुधाकर यादव के नेतृत्व में लखनऊ में विरोध, प्रदर्शन किया गया. सपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पूरी तरह से मिले हुए हैं. यही वजह है कि निष्पक्ष चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. सुधाकर यादव ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट से समाजवादी समर्थकों का नाम जान बूझकर काटा गया. इसकी वजह से वोट प्रतिशत कम हुआ. इतना ही नहीं काउंटिंग के वक्त भी सरकारी अधिकारियों ने धांधली कराई. इसी वजह से सपा प्रत्याशी को हार मिली.
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