प्रयागराज : पीसीएस जे मुख्य परीक्षा 2022 की 50 उत्तर पुस्तिकाओं में गड़बड़ी की बात स्वीकार करने के बाद सोमवार को लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष की ओर से हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया. हलफनामे में पिछली सुनवाई पर कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध कराई गई. आयोग ने एक सील बंद रिपोर्ट भी कोर्ट में प्रस्तुत की.
लोक सेवा आयोग का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उत्तर पुस्तिकाओं में संशोधन के बाद जो मेरिट बनेगी उसमें पूर्व में चयनित सात अभ्यर्थी मेरिट लिस्ट से बाहर हो जाएंगे, जबकि छह नए अभ्यर्थी शामिल होंगे. उनको साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा. वहीं, याची श्रवण पांडेय का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने हिंदी की उत्तर पुस्तिका में कम अंक मिलने की बात कही. याची की ओर से भी हलफनामा दाखिल किया गया. कोर्ट ने आयोग को सम्पूरक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की सुनवाई 12 जुलाई को होगी.
याची ने सुनवाई से एक दिन पहले बदला अपना वकील :याची श्रवण पांडेय ने सुनवाई से एक दिन पहले अपना वकील बदल दिया. याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता विभू राय की जगह सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी याची की ओर से उपस्थित हुए. वरिष्ठ अधिवक्ता ने कोर्ट से कहा कि इस मामले को जनहित याचिका की तरह लिया जाए या फिर कोर्ट स्वतः संज्ञान लें, क्योंकि इस गड़बड़ी से बहुत अधिक संख्या में अभ्यर्थी प्रभावित हैं. इस पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की पीठ ने सवाल उठाया कि याची स्वयं अभ्यर्थी है, उसे अपने अंकों से मतलब होना चाहिए. आयोग उसकी शिकायत पर कार्रवाई कर रहा है, फिर पूरे प्रकरण को जनहित याचिका की तरह उठाने के पीछे क्या मंशा है?
हाईकोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट :इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी पीसीएस जे 2022 लिखित परीक्षा के परिणाम में संशोधन के बाद प्रभावित होने वाले अभ्यर्थियों का पूरा विवरण लोक सेवा आयोग से तलब किया था. कोर्ट ने आयोग के अध्यक्ष से पूछा था कि उत्तर पुस्तिकाओं में मिली गड़बड़ी में संशोधन के बाद कितने अंक बदले जाएंगे. उन अभ्यर्थियों का पूरा विवरण जो इंटरव्यू में बुलाने के लिए अयोग्य ठहराए गए थे. संशोधन के बाद और संशोधन से पूर्व उनको मिले अंकों का विवरण, साथ ही संशोधन के बाद जिन अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाना है उनके संशोधन से पूर्व और संशोधन के बाद प्राप्त अंकों का विवरण, इसके अलावा सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाओं में मास्टर कोड बदलने या यदि कोई अन्य खामी पाई गई है तो उसका पूरा विवरण प्रस्तुत किया जाए. सोमवार को इस आदेश के अनुपालन में आयोग अध्यक्ष की ओर से कोर्ट में हलफनामा प्रस्तुत किया गया.