लखनऊ : ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी-4.0) के दूसरे दिन मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान (Chief Minister Yogi Adityanath) में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में बने निवेश के माहौल और कानून व्यवस्था के मोर्चे पर क्या बड़े काम किए गए हैं, इस पर चर्चा हुई. मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में विदेशी पूंजी निवेश एफडीआई पर चर्चा हुई. इसको लेकर मंगलवार को एफडी कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया.
सात वर्षों में यूपी की छवि बदली :ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में एफडीआई सेशन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी के मंशानुरूप उत्तर प्रदेश को भारत के ग्रोथ इंजन के रूप में पेश करने के लिए ये आयोजन हो रहा है. पिछले सात वर्षों में यूपी ने अपनी छवि बदली है. आज उत्तर प्रदेश विकसित भारत का विकसित उत्तर प्रदेश है. सात वर्ष पहले यह एक बीमारू प्रदेश था. देश के विकास में बैरियर के रूप में जाना जाता था.
प्रति व्यक्ति आय हुई दोगुनी :सीएम ने कहा कि सात वर्षों में हमें उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दोगुनी करने में सफलता प्राप्त हुई है. साथ ही प्रति व्यक्ति आय भी दोगुनी करने में सफलता मिली है. सीएम ने कहा कि हमने अलग-अलग सेक्टर बनाकर कानून व्यवस्था दुरुस्त की. इसके परिणाम स्वरूप हमको बेहतर कानून व्यवस्था बनाने में सफलता मिली. उत्तर प्रदेश एफडीआई और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 पॉलिसी लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.
सीएम ने कहा कि हम जानते हैं कि उत्तर प्रदेश में एफडीआई कि स्थिति अलग थी. 2000 से लेकर 2017 तक जितना एफडीआई राज्य में आया, उसके अपेक्षा 2019 से 23 के बीच मात्र चार वर्ष में इसमें चार गुना सफलता मिली. जब कानून व्यवस्था दुरुस्त होती है तो निवेशक आकर्षित होते हैं.
सरकार निवेशकों को दे रही संरक्षण :सीएम ने कहा कि आज 14 फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कम्पनिया प्रदेश में कार्यरत हैं. इनमें एल जी, पेप्सिको, नायरा एनर्जी, टाटा, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आइकिया, सैमसंग, मॉइक्रोसॉफ्ट, रिलायंस इंडस्ट्रीज, हायर आदि कम्पनिय सफलता पूर्वक कार्य कर रहीं हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा निवेशकों से कहना है यूपी आएं, और निवेश करें. पहले यहां शासन और विभागों के मकड़जाल में फाइल उलझ जाती थी, आज सिंगल विंडो सिस्टम काम हो रहा है. इंसेंटिव मॉनिटरिंग सिस्टम से कार्य हो रहा है. सरकार निवेशकों के हितों को पूरा संरक्षण देने को तैयार है.
ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में इन कंपनियों के आए इतने प्रस्ताव: 10 लाख करोड़ की 14 हजार से ज्यादा परियोजनाओं को मिली जमीन. पूर्वांचल को 29 प्रतिशत, मध्यांचल को 14 प्रतिशत को मिला निवेश. पश्चिमांचल को 52 प्रतिशत तो बुंदेलखंड में हुआ 5 प्रतिशत का निवेश. बड़े निवेशकों ने जताया उत्तर प्रदेश में विश्वास.
टोरंट पावर लिमिटेड सोनभद्र में 22800 करोड़ का निवेश, रोजगार 4800.
ग्रीनको ग्रुप- सोनभद्र में 17181 करोड़ का निवेश, रोजगार 300.
IKEA ग्रुप- गौतमबुद्ध नगर में 4300 करोड़ का निवेश, रोजगार 500.
लोढ़ा ग्रुप- अयोध्या में 3000 करोड़ का निवेश, रोजगार 100.
सर्राफ ग्रुप- मुरादाबाद में 1250 करोड़ का निवेश, रोजगार 1250.
अशोक लीलैंड- लखनऊ में 1000 करोड़ का निवेश, रोजगार 500.
एडवर्ब टेक्नॉलीज- गौतमबुद्ध नगर में 500 करोड़ निवेश, रोजगार 2000.
जेएसडब्ल्यू एनर्जी- सोनभद्र में 8000 करोड़ का निवेश, रोजगार 840.
टाटा टेक्नोलॉजी- लखनऊ में 4200 करोड़ का निवेश, रोजगार 450.
वरुण वेबरेज- प्रयागराज, अमेठी, गोरखपुर और चित्रकूट में 3500 करोड़ का निवेश, 1500 रोजगार.
सेंचुरी ग्रुप- मुरादाबाद में 4000 करोड़ का निवेश, रोजगार 800.
डालमिया सीमेंट-मिर्जापुर में 3000 करोड़ का निवेश, रोजगार 2500.
कार्यक्रम में कई प्रमुख निवेशकों ने लिया हिस्सा :कॉन्क्लेव में केंद्रीय वाणिज्य एवं इस्पात मंत्री पीयूष गोयल व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया. एफडीआई कॉन्क्लेव में विदेशी पूंजी निवेश के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में निवेश करने वाले तमाम प्रमुख निवेशक भी शामिल हुए. राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर इलाके में अशोक लीलैंड ग्रुप की तरफ से कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट का भूमि पूजन भी किया गया. इस दौरान अशोक लीलैंड ग्रुप के अध्यक्ष धीरज हिंदूजा व प्रबंध निदेशक शेनु अग्रवाल उपस्थित रहे. इस इलेक्ट्रिक वेहिकल प्लांट शुरू होने के बाद से रोजगार को और बढ़ावा मिलेगा.
सरोजनीनगर में स्कूटर इंडिया की जमीन पर अशोक लीलैंड कमर्शियल इलेक्ट्रिक व्हीकल प्लांट बना रहा है. 186 करोड़ से 78 एकड़ जमीन पर बन रहे इस प्लांट में हर साल 2500 कामर्शियल ईवी तैयार होंगे. इसके अलावा सेरेमनी में उत्तर प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को बढ़ावा देने के लिए तमाम उद्यमी आज इस सेक्टर में निवेश करने पर बातचीत हुई. कार्यक्रम में केंद्रीय वाणिज्य एवं इस्पात मंत्री पीयूष गोयल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित उत्तर प्रदेश सरकार के कई मंत्री व अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से होने वाले कामकाज इसकी उपयोगिता, इसके इंफ्रास्ट्रक्चर सहित तमाम विषयों पर भी चर्चा होगी.
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