इटावा: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा व अंशुल के पिता का गुरुवार को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया. वे काफी समय से बीमार चल रहे थे. उपचार के दौरान ही उनका निधन हो गया है. पैतृक गांव सैफई में उनका अंतिम संस्कार होगा. राजपाल यादव के निधन की खबर सुनते ही सैफई के चहुंओर में शोक लहर दौड़ उठी. वहीं, समाजवादी पार्टी के तमाम दिग्गज नेतागण सैफई पहुंच रहे हैं. सपा के राज्यसभा सांसद और राजपाल यादव के भाई राम गोपाल यादव ने यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा मेरे अनुज राजपाल सिंह का असामयिक निधन हो गया है. आज दोपहर बाद पैतृक गांव सैफई में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. अंतिम संस्कार में अखिलेश यादव भी शामिल होंगे.
बता दें कि मुलायम सिंह के छोटे भाई राजपाल सिंह की प्रारंभिक शिक्षा सैफई में हुई थी. उन्होंने मैनपुरी के जैन इंटर कॉलेज से 12वीं तक की पढ़ाई की थी. इटावा के डिग्री कॉलेज से बीए और लखनऊ विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद मेरठ की शुगर मिल में उनकी नौकरी लगी थी, लेकिन नौकरी में मन नहीं लगा और वापस इटावा आ गए.
इसके बाद 1978 में राजपाल सिंह सेंट्रल वेयरहाउस में अधीक्षक के पद पर तैनात हुए. 2006 में उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली. राजपाल यादव की राजनीति में रुचि नहीं थी. उन्होंने कभी चुनाव नहीं लड़ा. हालांकि, उनकी पत्नी प्रेमलता यादव परिवार की पहली महिला थीं, जिन्होंने राजनीति में कदम रखा था.
प्रेमलता यादव इटावा की जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. राजपाल यादव के दो बेटे हैं. अभिषेक और आर्यन अभिषेक दो बार से इटावा के जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. मुलायम सिंह यादव 4 भाई थे. राजपाल मुलायम सिंह से छोटे और शिवपाल यादव से बड़े थे. 4 में से 3 भाई रतन यादव, मुलायम सिंह और राजपाल का निधन हो चुका है.
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