लखनऊ :यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सूबे में भरपूर बिजली आपूर्ति का दावा किया. उन्होंने सपा सरकार के पावर सप्लाई के आंकड़ों को भी रखा, लेकिन हकीकत उनके दावों से कोसों दूर है. ऊर्जा मंत्री ने दावा किया कि गांव से लेकर शहर तक इतनी बिजली आपूर्ति की जा रही है जितनी पहले कभी हुई ही नहीं. जबकि हालात ये हैं कि प्रदेश भर में लोग बिजली संकट से परेशान हैं. आम जनता से लेकर किसान तक परेशान है. 18 घंटे की जगह किसानों को भी 8 से 10 घंटे ही बिजली मिल पा रही है. इससे फसलों की सिंचाई भी प्रभावित हो रही है.
सदन में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन की तरफ से दावा किया गया कि ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे बिजली दी जा रही है साढ़े 17 घंटे की सप्लाई से तो बिल्कुल इनकार ही नहीं किया जा रहा है, जबकि सच यह है कि ग्रामीण इलाकों में 8 घंटे भी बिजली ठीक से नहीं मिल पा रही है. ग्रामीण इलाकों में बिजली कटौती से आम जनता से लेकर किसान तक त्रस्त हैं.
जहां धान की रोपाई हो गई है वहां फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है. कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक धान की रोपाई भी 60% ही हो पाई है. ऐसे में रोपाई के लिए ही बिजली के आवश्यकता है लेकिन बिजली नहीं मिल रही है. राज्य लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में अधिकतम मांग 29,665 मेगावाट तक है. ऊर्जा विभाग उत्पादन इकाइयों के साथ ही निजी इकाइयों से भी बिजली आयातित कर रहा है.
ग्रामीण इलाकों में 18 घंटे के स्थान पर 17.47 घंटे और बुंदेलखंड में 20 घंटे की जगह 19.30 घंटे ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है. तहसील मुख्यालय पर जो दावे हैं कि 21.30 घंटे और जिला व महानगर में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है, जबकि सच है कि महानगर लखनऊ के लोगों को भी 24 घंटे बिजली मयस्सर नहीं है. उपकरणों के दगा देने से कई इलाके तो दिन-रात बिजली संकट से त्रस्त ही रहते हैं.