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बेटी से दुष्कर्म करने वाले डॉक्टर पिता और ताऊ को उम्रकैद; बच्ची की मां ने वाराणसी में दर्ज कराया था केस - RAPIST GETS LIFE IMPRISONMENT

वाराणसी जिला सत्र न्यायालय में विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट तृतीय) विनोद कुमार की अदालत ने दुष्कर्म पिता और ताऊ को सजा सुनाई है.

सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पिता ने रिश्ते को कलंकित किया है.
सजा सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पिता ने रिश्ते को कलंकित किया है. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 13, 2025, 9:47 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 10:19 PM IST

वाराणसी: अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ रेप के दोषी पिता और चाचा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट तृतीय) विनोद कुमार ने दोषी डॉक्टर पिता और उसके बड़े भाई पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी पीड़िता का पिता तथा उसका ताऊ है. पिता पर संतान की रक्षा का दायित्व होता है. यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज में व्यक्तियों का रिश्तों से विश्वास उठ जाएगा.

मां ने पति के खिलाफ दर्ज कराया था केस : एडीजीसी संदीप जायसवाल व पीड़िता की मां के वकील वरुण प्रताप सिंह ने बताया, वादिनी ने लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. मां ने बताया था कि वह अपनी सात साल की बेटी के साथ अपने पिता के घर वाराणसी में रह रही थी.

हल्द्वानी में कार्डियोलॉजिस्ट पिता 23 मार्च 2018 को बेटी को बहला-फुसलाकर घुमाने के लिए ले गया. इस बीच डॉक्टर पिता बेटी को अपने नर्सिंग होम ले गया. मां ने बताया, बेटी से फोन पर बात करती तो वह काफी डरी-डरी सी रहती और रो-रोकर वापस बनारस घर आने को कहती थी.

मां से लिपटकर रोने लगी बेटी : 30 मार्च 2018 को डॉक्टर पिता ने फोन किया और कहा कि आकर अपनी बच्ची को ले जाओ मैं इसे अब नहीं रखूंगा. मां जब बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी और कहने लगी कि मुझे यहां से जल्दी ले चलो, अब मुझे पापा के साथ नहीं रहना है.

पीड़िता जब बनारस आई तो काफी डरी-डरी सी रहती थी तथा हाथ-पांव पटकने लगती थी. बहुत पूछने पर बेटी ने बताया कि उसके पिता बहुत गंदे हैं. वह कमरे में बैठकर कुछ पीते रहते थे. उसमें बहुत बदबू आती थी, बहुत मारते थे. मेरे साथ गंदा काम करते थे.

बेटी बोली- पापा स्ट्रेन्जर की तरह बर्ताव करते हैं : बेटी ने बताया कि उसके पापा उसके साथ स्ट्रेन्जर की तरह बर्ताव करते थे. पापा जब भी टायलेट जाते थे तो टायलेट का दरवाजा खुला छोड़ देते थे. एक दिन अचानक जब वह उठी तो पापा को न देखकर डर गई और ढूंढने लगी.

बाथरूम की तरफ गई, तो देखा अंदर बिना कपड़ों के थे और मुझे भी अंदर बुलाने लगे. मैं नहीं गई तो मुझे बहुत मारा और गंदी हरकते करने लगे, मेरे सारे कपड़े उतार दिए और कहते थे कि विदेशी अपने बच्चों को ऐसे ही प्यार करते हैं.

कोर्ट में 12 ने दी गवाही : पीड़िता ने बताया, एक दिन अंदरूनी अंगों में भी गलत हरकते करने लगे. मुझे बहुत मारा और कहा कि तेरे जैसी लड़की से कौन शादी करेगा, जिसके साथ बचपन में ऐसा हुआ है और कहने लगे कि मैं ही तुझसे शादी करुंगा. एक दिन ताऊ और पापा कुछ पी रहे थे और कुछ देर बाद पापा मुझे एक वीडिओ दिखाने लगे.

इस अश्लील कृत्य में पीड़िता का ताऊ भी शामिल रहा. अदालत ने समाज और खून के रिश्ते को कलंकित कर देने वाले इस जघन्य अपराध में पीड़िता उसकी मां समेत 12 गवाहों के बयान के बाद पिता व उसके भाई को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें : बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, बाराबंकी पॉक्सो कोर्ट का फैसला - MURDER ACCUSED LIFE IMPRISONMENT

यह भी पढ़ें : मौलवी ने किया छात्रा से दुष्कर्म का प्रयास, पुलिस पर सुलह का दबाव बनाने का आरोप - ATTEMPT TO RAPE STUDENT IN AZAMGARH

वाराणसी: अपनी ही नाबालिग बेटी के साथ रेप के दोषी पिता और चाचा को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट तृतीय) विनोद कुमार ने दोषी डॉक्टर पिता और उसके बड़े भाई पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि दोषी पीड़िता का पिता तथा उसका ताऊ है. पिता पर संतान की रक्षा का दायित्व होता है. यदि रक्षक ही भक्षक बन जाए तो समाज में व्यक्तियों का रिश्तों से विश्वास उठ जाएगा.

मां ने पति के खिलाफ दर्ज कराया था केस : एडीजीसी संदीप जायसवाल व पीड़िता की मां के वकील वरुण प्रताप सिंह ने बताया, वादिनी ने लंका थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. मां ने बताया था कि वह अपनी सात साल की बेटी के साथ अपने पिता के घर वाराणसी में रह रही थी.

हल्द्वानी में कार्डियोलॉजिस्ट पिता 23 मार्च 2018 को बेटी को बहला-फुसलाकर घुमाने के लिए ले गया. इस बीच डॉक्टर पिता बेटी को अपने नर्सिंग होम ले गया. मां ने बताया, बेटी से फोन पर बात करती तो वह काफी डरी-डरी सी रहती और रो-रोकर वापस बनारस घर आने को कहती थी.

मां से लिपटकर रोने लगी बेटी : 30 मार्च 2018 को डॉक्टर पिता ने फोन किया और कहा कि आकर अपनी बच्ची को ले जाओ मैं इसे अब नहीं रखूंगा. मां जब बेटी से मिली तो वह लिपटकर रोने लगी और कहने लगी कि मुझे यहां से जल्दी ले चलो, अब मुझे पापा के साथ नहीं रहना है.

पीड़िता जब बनारस आई तो काफी डरी-डरी सी रहती थी तथा हाथ-पांव पटकने लगती थी. बहुत पूछने पर बेटी ने बताया कि उसके पिता बहुत गंदे हैं. वह कमरे में बैठकर कुछ पीते रहते थे. उसमें बहुत बदबू आती थी, बहुत मारते थे. मेरे साथ गंदा काम करते थे.

बेटी बोली- पापा स्ट्रेन्जर की तरह बर्ताव करते हैं : बेटी ने बताया कि उसके पापा उसके साथ स्ट्रेन्जर की तरह बर्ताव करते थे. पापा जब भी टायलेट जाते थे तो टायलेट का दरवाजा खुला छोड़ देते थे. एक दिन अचानक जब वह उठी तो पापा को न देखकर डर गई और ढूंढने लगी.

बाथरूम की तरफ गई, तो देखा अंदर बिना कपड़ों के थे और मुझे भी अंदर बुलाने लगे. मैं नहीं गई तो मुझे बहुत मारा और गंदी हरकते करने लगे, मेरे सारे कपड़े उतार दिए और कहते थे कि विदेशी अपने बच्चों को ऐसे ही प्यार करते हैं.

कोर्ट में 12 ने दी गवाही : पीड़िता ने बताया, एक दिन अंदरूनी अंगों में भी गलत हरकते करने लगे. मुझे बहुत मारा और कहा कि तेरे जैसी लड़की से कौन शादी करेगा, जिसके साथ बचपन में ऐसा हुआ है और कहने लगे कि मैं ही तुझसे शादी करुंगा. एक दिन ताऊ और पापा कुछ पी रहे थे और कुछ देर बाद पापा मुझे एक वीडिओ दिखाने लगे.

इस अश्लील कृत्य में पीड़िता का ताऊ भी शामिल रहा. अदालत ने समाज और खून के रिश्ते को कलंकित कर देने वाले इस जघन्य अपराध में पीड़िता उसकी मां समेत 12 गवाहों के बयान के बाद पिता व उसके भाई को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

यह भी पढ़ें : बच्ची की दुष्कर्म के बाद हत्या के दोषी को आजीवन कारावास, बाराबंकी पॉक्सो कोर्ट का फैसला - MURDER ACCUSED LIFE IMPRISONMENT

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Last Updated : Feb 13, 2025, 10:19 PM IST
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