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राष्ट्रपति शासन क्या है और इसे कितने समय के लिए लगाया जाता है ? अब मणिपुर पर किसका होगा नियंत्रण है? जानें - WHAT IS THE PRESIDENTS RULE

गृह मंत्रालय ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत लगाया जाता है.

Biren SIngh
एन बीरेन सिंह (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 13, 2025, 10:15 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 10:20 PM IST

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. कुछ दिनों पहले ही महीनों तक चली जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. मणिपुर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा ने अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए पार्टी विधायकों और राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ गहन बैठकें कीं. उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा निलंबित रहेगी.

राष्ट्रपति शासन लागू होते ही मणिपुर की सारी प्रशासनिक और सरकारी शक्तियां केंद्र सरकार के हाथों में आ गई हैं. इसके साथ ही राज्य में गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार शासन करेगी और कोई मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल नहीं होगा.

राष्ट्रपति शासन क्या होता है?
भारत में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत लगाया जाता है. गुरुवार को केंद्र द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें संविधान के प्रावधानों के तहत राज्य की सरकार नहीं चल सकती.

अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि अगर वह संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है तो वह घोषणा जारी कर सकते हैं. अनुच्छेद 355 केंद्र पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व डालता है कि भारत में प्रत्येक राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के तहत काम करे.

राष्ट्रपति शासन के तहत मणिपुर पर किसका नियंत्रण होता है?
राष्ट्रपति राज्य सरकार, राज्यपाल और राज्य में किसी अन्य कार्यकारी प्राधिकरण के कार्यों को संभालता है. राष्ट्रपति की ओर से राज्यपाल द्वारा राज्य का प्रशासन चलाया जाएगा. राज्यपाल राज्य के मुख्य सचिव या राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सलाहकारों की भी मदद लेगा. राष्ट्रपति राज्य विधानमंडल की शक्तियों को भी निलंबित या भंग करके ग्रहण करता है.राष्ट्रपति शासन के तहत विधानसभा के निलंबित या भंग होने पर संसद राज्य विधेयक और बजट पारित करती है. संसद कानून बनाने की शक्तियां राष्ट्रपति या इस संबंध में उनके द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य प्राधिकरण को सौंपती है.

राष्ट्रपति शासन के तहत राष्ट्रपति राज्य समेकित निधि से व्यय के लिए धन स्वीकृत कर सकता है और संसद की मंजूरी के अधीन अध्यादेश भी पारित कर सकता है. संसद की मंजूरी के अधीन, इन शक्तियों का प्रयोग तब भी किया जा सकता है जब लोकसभा सत्र में न हो. इस दौरान राज्य के लिए बनाया गया कानून या नियम राष्ट्रपति शासन समाप्त होने के बाद भी लागू रहता है. इसे नए राज्य विधानमंडल द्वारा निरस्त, संशोधित या पुनः अधिनियमित किया जा सकता है.

राष्ट्रपति शासन कितने समय के लिए होता है?
राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए लागू किया जाता और इसे अधिकतम तीन साल तक लगाया जा सकता है. इस अवधि के भीतर राज्य में संवैधानिक तंत्र को बहाल करना होता. इसे राष्ट्रपति अपनी इच्छा से भी रद्द कर सकते हैं. किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने या जारी रखने के लिए संसद द्वारा साधारण बहुमत से मंजूरी लेनी होती है. राष्ट्रपति शासन लागू करने से नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं होते, जैसा कि राष्ट्रीय इमरजेंसी में होता है.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया, बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद उठाया कदम

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने गुरुवार को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया. कुछ दिनों पहले ही महीनों तक चली जातीय हिंसा के बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. मणिपुर के भाजपा प्रभारी संबित पात्रा ने अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए पार्टी विधायकों और राज्यपाल अजय कुमार भल्ला के साथ गहन बैठकें कीं. उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा निलंबित रहेगी.

राष्ट्रपति शासन लागू होते ही मणिपुर की सारी प्रशासनिक और सरकारी शक्तियां केंद्र सरकार के हाथों में आ गई हैं. इसके साथ ही राज्य में गवर्नर के माध्यम से केंद्र सरकार शासन करेगी और कोई मुख्यमंत्री या मंत्रिमंडल नहीं होगा.

राष्ट्रपति शासन क्या होता है?
भारत में राष्ट्रपति शासन संविधान के अनुच्छेद 356 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के तहत लगाया जाता है. गुरुवार को केंद्र द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस बात से संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिसमें संविधान के प्रावधानों के तहत राज्य की सरकार नहीं चल सकती.

अनुच्छेद 356 राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि अगर वह संतुष्ट हैं कि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई है तो वह घोषणा जारी कर सकते हैं. अनुच्छेद 355 केंद्र पर यह सुनिश्चित करने का दायित्व डालता है कि भारत में प्रत्येक राज्य सरकार संविधान के प्रावधानों के तहत काम करे.

राष्ट्रपति शासन के तहत मणिपुर पर किसका नियंत्रण होता है?
राष्ट्रपति राज्य सरकार, राज्यपाल और राज्य में किसी अन्य कार्यकारी प्राधिकरण के कार्यों को संभालता है. राष्ट्रपति की ओर से राज्यपाल द्वारा राज्य का प्रशासन चलाया जाएगा. राज्यपाल राज्य के मुख्य सचिव या राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त सलाहकारों की भी मदद लेगा. राष्ट्रपति राज्य विधानमंडल की शक्तियों को भी निलंबित या भंग करके ग्रहण करता है.राष्ट्रपति शासन के तहत विधानसभा के निलंबित या भंग होने पर संसद राज्य विधेयक और बजट पारित करती है. संसद कानून बनाने की शक्तियां राष्ट्रपति या इस संबंध में उनके द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य प्राधिकरण को सौंपती है.

राष्ट्रपति शासन के तहत राष्ट्रपति राज्य समेकित निधि से व्यय के लिए धन स्वीकृत कर सकता है और संसद की मंजूरी के अधीन अध्यादेश भी पारित कर सकता है. संसद की मंजूरी के अधीन, इन शक्तियों का प्रयोग तब भी किया जा सकता है जब लोकसभा सत्र में न हो. इस दौरान राज्य के लिए बनाया गया कानून या नियम राष्ट्रपति शासन समाप्त होने के बाद भी लागू रहता है. इसे नए राज्य विधानमंडल द्वारा निरस्त, संशोधित या पुनः अधिनियमित किया जा सकता है.

राष्ट्रपति शासन कितने समय के लिए होता है?
राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए लागू किया जाता और इसे अधिकतम तीन साल तक लगाया जा सकता है. इस अवधि के भीतर राज्य में संवैधानिक तंत्र को बहाल करना होता. इसे राष्ट्रपति अपनी इच्छा से भी रद्द कर सकते हैं. किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने या जारी रखने के लिए संसद द्वारा साधारण बहुमत से मंजूरी लेनी होती है. राष्ट्रपति शासन लागू करने से नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित नहीं होते, जैसा कि राष्ट्रीय इमरजेंसी में होता है.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया, बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद उठाया कदम

Last Updated : Feb 13, 2025, 10:20 PM IST
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