लखनऊ : जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी के तौर पर तैनात रहे पीसीएस अधिकारी गणेश प्रसाद को वित्तीय अनिवार्यता और जमीन घोटाले के संबंध में जांच में दोषी पाए जाने पर सरकार ने बर्खास्त कर दिया है. इस संबंध में कार्मिक और नियुक्ति विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया है. इसके अलावा दो दो पीसीएस अफसर निलंबित किये गए हैं.
शासन के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि पिछले साल गणेश प्रसाद जौनपुर के जिला राजस्व अधिकारी थे. इस दौरान उनके खिलाफ कई आर्थिक भ्रष्टाचार के मामले उजागर हुए थे, अनेक शिकायतें हुई थीं. सड़क के निर्माण में जमीन के अधिग्रहण में विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये का घोटाला हुआ था. बदलापुर, मछलीशहर, मड़ियाहूं और सदर तहसील क्षेत्रों में अधिग्रहित की गई जमीन में गड़बड़ी सामने आई थी. कहीं, ग्राम समाज की जमीन को फर्जी काश्तकारों को पैसा का भुगतान किया गया. कही जंगल खाते की जमीन के पैसे का बंदर बांट किया गया. इन्हीं मामलों के चलते कार्रवाई की गई है.
जौनपुर के तत्कालीन सीआरओ गणेश प्रसाद सिंह पर वित्तीय अनियमित्ताओं के साथ ही सरकारी कामकाज में गड़बड़ी करने का आरोप था. शिकायतों के आधार पर डीएम जौनपुर ने नियुक्ति विभाग को उन्हें निलंबित किए जाने के संबंध में पत्र भेजा था. पिछले साल भेजे गए इस पत्र के आधार पर उन्हें निलंबित किया गया था.
जांच के बाद गणेश प्रसाद पर लगाए गए आरोप की पुष्टि हुई थी. जिसमें पाया गया कि गणेश प्रसाद सरकारी धन का दुरुपयोग कर रहे हैं. भुगतान में नियमों का ध्यान नहीं रख रहे हैं. इतना ही नहीं उच्चाधिकारियों से बिना अनुमति लिए ही अपने स्तर से काम करते रहे. उच्चाधिकारियों द्वारा समझाए जाने के बाद भी उनकी लापरवाही में कोई सुधार नहीं आया था. इसके आधार पर उनके खिलाफ पहले निलंब कर दिया गया था. गणेश प्रसाद जौनपुर में अतिरिक्त कुशीनगर में तैनाती के दौरान भी जमीन घोटाला किया था. दोनों ही मामले में दोषी पाए जाने पर गणेश प्रसाद को गुरुवार को बर्खास्त किया गया है.
एडीएम बरेली अशोक कुमार और एडीएम मऊ मदन कुमार को निलंबित किया गया है. इन दोनों पीसीएस अधिकारियों को बरेली सितारगंज नेशनल हाईवे के निर्माण में भूमि अर्जन के संबंध में हुए घोटाले में निलंबित किया गया है.
इसे भी पढ़ें-यूपी में 6 ADM समेत 22 PCS अफसरों के ट्रांसफर, राम भरत तिवारी बने लखनऊ के अपर आयुक्त