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'यूपी के हर मंडल में बनेगा विश्वविद्यालय'; सीएम योगी का एलान, बोले-केंद्र की तरह प्रदेश में भी बन रहे पंच तीर्थ - UP ASSEMBLY BUDGET SESSION 2025

विधान परिषद सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश में कई कॉरिडोर का निर्माण किया गया है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 4:55 PM IST

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद में मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार ने डॉ. भीमराव आंबेडकर से जुड़े पांच स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है. ये पांच स्थान श्रीराम जन्म भूमि, महू (मध्य प्रदेश), दीक्षा भूमि नागपुर, चैत्य भूमि मुंबई, महापरिनिर्वाण स्थल दिल्ली और लंदन का वह घर जहां वे पढ़ाई के दौरान रुके थे. इन पांचों स्थानों को केंद्र सरकार ने विकसित किया. इन्हीं पंच तीर्थों की तरह योगी सरकार यूपी में पंचतीर्थ बना रही है.

मंगलवार को विधान परिषद सत्र के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश में कई कॉरिडोर का निर्माण किया गया है. इसमें एक कॉरिडोर प्रयागराज से मां विंध्यवासिनी धाम होते हुए काशी तक के लिए जाता है. दूसरा कॉरिडोर गोरखपुर के आसपास के क्षेत्र में तैयार हुआ है.

अयोध्या के आसपास के क्षेत्र में तैयार हुआ है. लखनऊ और नैमिषारण्य के आसपास के क्षेत्र में तैयार हुआ है. मथुरा-वृंदावन के आसपास के क्षेत्र में भी तैयार हुआ है. यहां आकर देश और दुनिया भर के लाखों श्रद्धालु दर्शन का लाभ ले रहे हैं. वह अपने साथ उत्तर प्रदेश की एक अच्छी धारणा लेकर जा रहे हैं.

उत्तर प्रदेश में यह स्थान पंचतीर्थ बन गए हैं. बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु इन तीर्थ स्थानों को जा रहे हैं. इससे देश-विदेश में उत्तर प्रदेश का नाम हो रहा है. देश की आजादी के बाद संविधान को लागू करने का ये अमृत महोत्सव वर्ष है. 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था.

ऐसे में 75 वर्ष पूरे होने पर देश में डॉ. भीमराव आंबेडकर से जुड़े पंच तीर्थ स्थल प्रधानमंत्री मोदी ने बनाए. हमारी सरकार लखनऊ में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के नाम पर एक राजकीय संस्कृति केंद्र का निर्माण करने जा रही है. यह वर्ष लोकमाता अहिल्याबाई होलकर की 300 जयंती का भी वर्ष है.

सरकार ने बजट में उनके लिए घोषणा की है. यह वर्ष भगवान बिरसा मुंडा की डेढ़ सौ वीं जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई का शताब्दी महोत्सव वर्ष भी चल रहा है. हम लोगों ने सामाजिक न्याय से जुड़े हुए इन सभी पुरोधाओं को सम्मान देने का काम किया है.

सरकार काशी में संत रविदास की पावन जन्मभूमि धीर गोवर्धनपुर, महर्षि वाल्मीकि की पावन साधना शास्त्री लालपुर और संत तुलसीदास की पावन जन्मस्थली राजापुर को एक भव्य स्वरूप देने का कार्य कर रही है. यह वर्ष काकोरी ट्रेन एक्शन का शताब्दी महोत्सव का वर्ष भी है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले उत्तर प्रदेश के नाम पर लोगों को होटलों और धर्मशालाओं में कमरे नहीं मिलते थे. उत्तर प्रदेश के लोगों को अपनी पहचान छिपानी पड़ती थी. आज उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार के कार्यों की वजह से प्रदेशवासियों के सामने अपनी पहचान का संकट खत्म हो गया है.

आज उत्तर प्रदेश का परसेप्शन बेहतर हुआ है. महाकुम्भ ने उसको एक नई पहचान दी है. वर्ष 2024 में 500 वर्षों का इंतजार समाप्त कर अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर का निर्माण किया गया. यह भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और विरासत के प्रति सम्मान का भाव व्यक्त करने का आयोजन था.

वर्ष 2025 महाकुम्भ के साथ-साथ मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना को लागू किया. यह योजना 24 जनवरी 2025 को लागू की गई. एक वर्ष में एक लाख युवा उद्यमी तैयार करने हैं जबकि पहले ही चरण में एक महीने में 96 लाख से अधिक एप्लीकेशन आ चुकी हैं. 76 लाख से अधिक को क्लिरेंस मिल चुका है.

24,000 से अधिक को अब तक बैंकों ने लोन के साथ जोड़ने की कार्रवाई कर दी है, जिसमें से 6000 से अधिक को लोन भी प्राप्त हो गया है. इसमें पहले चरण में युवाओं को 5 लाख और दूसरे चरण में 10 लाख तक का लोन फ्री इंटरेस्ट पर उपलब्ध कराया जाएगा.

सीएम ने कहा कि सरकार हर मंडल में एक विश्वविद्यालय बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. वर्तमान में मां शाकम्भरी विश्वविद्यालय सहारनपुर और राजा महेंद्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय अलीगढ़ में क्रियाशील हो चुका है.

सरकार ने मां शाकुम्भरी के नाम पर सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़, महाराजा सुहेलदेव के नाम पर आजमगढ़, मां विंध्यवासिनी के नाम पर मीरजापुर, मां पाटेश्वरी के नाम पर देवीपाटन मंदिर और साथ ही साथ मुरादाबाद मंडल में विश्वविद्यालय गुरु जंभेश्वर के नाम पर विश्वविद्यालय के स्थापना की करने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया है. इसमें से तीन विश्वविद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं और तीन विश्वविद्यालय नए सत्र में प्रारंभ हो जाएंगे.

कुशीनगर में भी महात्मा बुद्ध के नाम पर भी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के निर्माण का कार्य आगे बढ़ चुका है. जगदगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है. इसे सरकार संचालित कर रही है. इसके साथ ही सरकार ने निजी क्षेत्र में भी विश्वविद्यालय बनाने की पॉलिसी पर काम किया है.

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