अलीगढ़ः पाकिस्तानी सीमा हैदर ने जिस तरह अपने प्यार के लिए अवैध रूप से भारत में आकर प्रेमी के साथ रह रही हैं. कुछ इस तरह ही अलीगढ़ का युवक अपने प्यार से मिलने सीमाओं का बंधन तोड़कर पाकिस्तान पहुंच गया है. सोशल मीडिया पर हुए प्यार के बाद नगला खटकरी गांव निवासी बादल बाबू पाकिस्तानी प्रेमिका सना से मिलने के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर बिना पासपोर्ट वीजा और किसी का के साथ के पाकिस्तान पहुंच गया था. जहां बादल बाबू को पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन में 27 दिसंबर 2024 को पाकिस्तान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
अगली सुनवाई 10 मार्च को ः पाकिस्तानी की कराची कोर्ट में शुक्रवार को बादल की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई. बादल ने कोर्ट में जज से कहा "दोनों देशों के बीच में वीजा लगता है, मुझे इसकी जानकारी नहीं थी. मैं बस से अमृतसर तक पहुंचा. इसके बाद चुपके से पाकिस्तान में घुस गया. जज साहब, मैं अपने प्रेम को पाने के लिए पाकिस्तान तक चला आया'. बादल के वकील ने भी कोर्ट के समक्ष तर्क रखे. हालांकि तमाम सवाल-जवाब के बाद पाकिस्तान की कराची कोर्ट ने बादल की जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, बादल की कुछ महीने पहले फेसबुक पर उसकी पाकिस्तान में रहने वाली एक युवती से बातचीत शुरू हुई. धीरे-धीरे बातचीत बढ़ती गई और दोनों में नंबर एक्सचेंज हुए. फिर बातचीत प्यार में बदल गई. घरवालों को बिना बताए बादल पाकिस्तान पहुंच गया. पाकिस्तान के मंडी बहाउद्दीन में 27 दिसंबर 2024 को बादल को गिरफ्तार कर लिया गया था. बादल के खिलाफ पाकिस्तान विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 13 और 14 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. बादल अभी भी जेल में बंद है. पाकिस्तानी पुलिस ने बादल बाबू को कोर्ट में पेश करके रिमांड में लिया था और उससे पूछताछ की थी, जिसके संबंध में पाकिस्तान से एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हुई थी. जिसमें तमाम जानकारी दी गई थी.
बादल के पिता की उम्मीद ?
बादल के पिता कृपाल सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह करीब 11 बजे बादल बाबू को अदालत में पेश किया गया था. अधिवक्ता फियाज रामे ने वीडियो काॅल के जरिए माता-पिता से बात कराने की अनुमति अदालत से ले रखी थी. दोपहर करीब 1.15 बजे अधिवक्ताओं ने माता-पिता से बात कराई. कृपाल सिंह ने बताया पाकिस्तान में वकील से फोन के माध्यम से ही बातचीत की थी, जो उनके बेटे के केस को देख रहे हैं. उन्होंने अभी तक उनसे कोई फीस भी नहीं ली है. पूरी उम्मीद है कि मेरा बेटा जल्दी ही घर वापस आ जाएगा. डीएम, एसएसपी से लेकर दिल्ली तक में अधिकारियों से मिलकर गुहार लगाई है, लेकिन अभी तक किसी तरह की मदद नहीं मिली. पाकिस्तान में वकील भी उन्होंने अपने के परिचित के माध्यम से ही किया था. वकील ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि उनके बेटे को जल्दी ही जमानत मिल जाएगी. 21 फरवरी के बाद अब सुनवाई 10 मार्च को दोबारा होगी.