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हाईकोर्ट ने कहा- सैन्यकर्मियों के परिवार की शिकायत का प्राथमिकता से करना चाहिए समाधान - ALLAHABAD HIGH COURT

राज्य व जिला स्तर की कमेटी को मंजूरी, मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित होगी प्रदेश की हाई पावर कमेटी.

इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 25, 2025, 9:20 PM IST

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश की सुरक्षा में सीमा पर तैनात सैनिकों के परिवार की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की प्रदेश व जिला स्तर पर कमेटी को मंजूरी दे दी है. साथ ही कमेटी को एक माह में बैठक करने का निर्देश दिया है. राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. इसमें विभिन्न विभागों व तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. कमेटी की बैठक का कोरम 50 प्रतिशत होगा और बैठक नियमित होती रहेगी. कमेटी सैनिक परिवार की सुरक्षा शिकायतों पर निर्णय लेकर कार्रवाई करेगी. प्रत्येक बैठक में सेना के कम-से-कम एक प्रतिनिधि का उपस्थित रहना अनिवार्य होगा. इसी तरह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर तैनात सैन्यकर्मी की फिरोजाबाद निवासी सहायक अध्यापिका पत्नी की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य को सैन्यकर्मियों के परिवारों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए. पीड़ितों को कभी भी असहाय या असुरक्षित नहीं छोड़ा जाना चाहिए. सैन्यकर्मी की पत्नी को एक शिक्षामित्र द्वारा परेशान करने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. सैन्य अधिकारी के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पत्नी ने हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल की. शिकायत पर केवल आरोपी शिक्षामित्र का स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन उसने दोबारा स्कूल में आकर अशोभनीय हरकत की.

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट से बताया कि राज्य के अधिकारी शिकायत का समाधान नहीं कर रहे हैं और इससे याची के पति की राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है. कोर्ट ने कहा कि सैन्यकर्मियों के परिवार की शिकायत का प्राथमिकता से समाधान करना चाहिए. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और एक जवाबदेही प्रणाली विकसित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कई सुझाए दिए और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. इस पर राज्य सरकार की ओर से राज्य व जिला स्तर की कमेटी गठित होने की जानकारी दी गई. कोर्ट ने कमेटी में कुछ बदलाव भी किए और अधिक जवाबदेह बनाया.

यह भी पढ़ें : संभल हिंसा; अब तक 29 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज, हाईकोर्ट जाएगा आरोपी पक्ष - SAMBHAL VIOLENCE

प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने देश की सुरक्षा में सीमा पर तैनात सैनिकों के परिवार की शिकायतों पर कार्रवाई के लिए राज्य सरकार की प्रदेश व जिला स्तर पर कमेटी को मंजूरी दे दी है. साथ ही कमेटी को एक माह में बैठक करने का निर्देश दिया है. राज्य स्तरीय हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष मुख्य सचिव होंगे. इसमें विभिन्न विभागों व तीनों सेनाओं के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है. कमेटी की बैठक का कोरम 50 प्रतिशत होगा और बैठक नियमित होती रहेगी. कमेटी सैनिक परिवार की सुरक्षा शिकायतों पर निर्णय लेकर कार्रवाई करेगी. प्रत्येक बैठक में सेना के कम-से-कम एक प्रतिनिधि का उपस्थित रहना अनिवार्य होगा. इसी तरह जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी गठित की गई है.

यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने संवेदनशील सीमा क्षेत्र पर तैनात सैन्यकर्मी की फिरोजाबाद निवासी सहायक अध्यापिका पत्नी की याचिका पर दिया है. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य को सैन्यकर्मियों के परिवारों से जुड़ी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए. पीड़ितों को कभी भी असहाय या असुरक्षित नहीं छोड़ा जाना चाहिए. सैन्यकर्मी की पत्नी को एक शिक्षामित्र द्वारा परेशान करने की शिकायत पर जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की. सैन्य अधिकारी के पत्र पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई तो पत्नी ने हाईकोर्ट में यह याचिका दाखिल की. शिकायत पर केवल आरोपी शिक्षामित्र का स्थानांतरण कर दिया गया था, लेकिन उसने दोबारा स्कूल में आकर अशोभनीय हरकत की.

याची के अधिवक्ता ने कोर्ट से बताया कि राज्य के अधिकारी शिकायत का समाधान नहीं कर रहे हैं और इससे याची के पति की राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करने की क्षमता प्रभावित हो रही है. कोर्ट ने कहा कि सैन्यकर्मियों के परिवार की शिकायत का प्राथमिकता से समाधान करना चाहिए. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया है कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए और एक जवाबदेही प्रणाली विकसित की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही न हो. पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कई सुझाए दिए और राज्य सरकार से जवाब मांगा था. इस पर राज्य सरकार की ओर से राज्य व जिला स्तर की कमेटी गठित होने की जानकारी दी गई. कोर्ट ने कमेटी में कुछ बदलाव भी किए और अधिक जवाबदेह बनाया.

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