पटना: भले ही बिहार विधानसभा उपचुनाव में एनडीए ने सभी चारों सीटों पर जीत हासिल कर ली हो और बेलागंज में आरजेडी सांसद सुरेंद्र यादव के किले को भेदकर उनके बेटे को हरा दिया हो लेकिन जेडीयू नेताओं को मलाल है कि मुसलमानउन्हें वोट नहीं करते हैं. पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने दावा किया है कि भले ही सीएम नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए विकास के अनेकों कार्य किए हैं लेकिन इसके बावजूद अल्पसंख्यक समाज हमें वोट नहीं करते हैं.
क्या बोले ललन सिंह?:मुजफ्फरपुर के लंगट सिंह कॉलेज में आयोजित जेडीयू के कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि लालू-राबड़ी के शासनकाल में बिहार के अल्पसंख्यकों की क्या स्थिति थी, सभी लोग जानते हैं. वहीं जब नीतीश कुमार सत्ता में आए तो अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कई अहम कदम उठाए. पहले जहां मदरसा शिक्षकों को मात्र 4000 रुपये मिलते थे, वहीं आज सातवें वेतन आयोग के अनुसार तनख्वाह मिलती हैं लेकिन इसके बावजूद अल्पसंख्यक समाज का वोट हमें नहीं मिलते हैं.
'नीतीश को मुसलमान वोट नहीं देते':ललन सिंह ने कहा कि कुछ अल्पसंख्यक नेता कहते हैं कि अल्पसंख्यक समाज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वोट करते हैं लेकिन हमलोग किसी मुगालते में नहीं रहते हैं. सच बात तो यही है कि अल्पसंख्यक समुदाय नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं. उन्होंने कहा कि जिस दल को ये लोग वोट करते हैं, उसने आज तक अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए कोई काम नहीं किया है.
"पहले बिहार में अल्पसंख्यक समुदाय की क्या स्थिति थी. बिहार में मदरसा टीचरों को 4000 मिलता था लालू-राबड़ी राज में, जबकि आज सातवें वेतन आयोग का पैसा मिलता है. साथ में भाई वेतन आयोग ने जो अनुशंसा की है, वह पैसा भी मिलता है. हालांकि अल्पसंख्यक समुदाय नीतीश कुमार को वोट नहीं देते हैं, सब मुगालते में मत रहियेगा."- ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री